
चीनी हैकरों ने भारत सरकार, PMO और रिलायंस को बनाया था निशाना, लीक में खुलासा
क्या है खबर?
चीन की सरकारी एजेंसियों के लिए काम करने वाली एक चीनी सुरक्षा फर्म के लीक हुए दस्तावेजों से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
इन दस्तावेजों से पता चला है कि हैकरों ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एयर इंडिया जैसे व्यवसायों सहित भारत सरकार के प्रमुख कार्यालयों को हैक करने की कोशिश की थी।
ये दस्तावेज शंघाई स्थित एक कंपनी आई-सून के बताए जा रहे हैं।
दस्तावेज
गिटहब पर साझा किए गए दस्तावेज
आई-सून से जुड़े हजारों दस्तावेज, फोटो और चैट गिटहब पर साझा किए गए हैं। गिटहब एक ओपन सोर्स डेवलपर प्लेटफॉर्म है।
लीक हुए दस्तावेजों में हैकरों की कार्यप्रणाली, लक्ष्य और करतूतों के बारे में बताया गया है।
हैकरों के निशाने पर अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), यूरोपीय देशों की सरकारें और कई निजी संस्थानों से लेकर चीन का सहयोगी माना जाने वाला पाकिस्तान भी रहा।
भारत
दस्तावेजों में भारत से जुड़ा क्या-क्या है?
इंडिया टुडे के मुताबिक, दस्तावेजों में भारत के वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और 'राष्ट्रपति के आंतरिक मंत्रालय' का जिक्र है, जो संभवत: गृह मंत्रालय की ओर इशारा करता है।
मई से लेकर अक्टूबर, 2021 के बीच हैकरों ने 'राष्ट्रपति के आंतरिक मंत्रालय' के विभिन्न कार्यालयों से जुड़ा 5.49 GB डाटा प्राप्त किया।
इसके अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और अपोलो अस्पतालों के डाटा में भी कथित तौर पर सेंध लगाई गई।
देश
एशिया के कई देश निशाने पर
भारत के अलावा हैकरों ने पाकिस्तान को भी निशाना बनाया है। दावा है कि पाकिस्तान के पंजाब से 1.43 GB डाटा चुराया गया।
इसके साथ ही नेपाल, म्यांमार, मंगोलिया, मलेशिया, अफगानिस्तान, फ्रांस, थाईलैंड, कजाकिस्तान, तुर्की, कंबोडिया और फिलीपींस की जानकारी भी निकाली गई है।
हैकरों ने नेपाल टेलीकॉम, मंगोलिया की संसद और पुलिस विभाग, एक फ्रांसीसी विश्वविद्यालय, तिब्बत की निर्वासित सरकार और कजाकिस्तान के पेंशन प्रबंधन प्राधिकरण से भी भारी मात्रा में डाटा चुराया है।
अमेरिका
अमेरिका ने दी थी चेतावनी
पिछले साल अमेरिका ने चीन के हैकिंग प्रयासों के बारे में चेतावनी दी थी। संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा था कि चीनी हैकर अमेरिका के पावर ग्रिड, तेल पाइपलाइनों और जल प्रणालियों सहित बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स और वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो सहित कई अमेरिकी अधिकारियों के ईमेल अकाउंट भी हैक कर लिए गए थे।