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ISRO चीफ बोले- चंद्रयान-2 ने हासिल किया 98 फीसदी लक्ष्य, अब गगनयान मिशन पर फोकस

ISRO चीफ बोले- चंद्रयान-2 ने हासिल किया 98 फीसदी लक्ष्य, अब गगनयान मिशन पर फोकस

Sep 21, 2019
04:58 pm

क्या है खबर?

चंद्रयान-2 मिशन के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान मिशन पर काम कर रहा है। चंद्रयान-2 मिशन के बारे में बताते हुए ISRO प्रमुख के सिवन ने शनिवार को कहा कि इस मिशन ने अपना 98 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के तहत भेजे गए ऑर्बिटर में आठ उपकरण लगे हैं और ये बिल्कुल ठीक तरह से काम कर रहे हैं। आइये, जानते हैं कि उन्होंने और क्या-क्या कहा।

विक्रम लैंडर

विक्रम से नहीं कर पाए संपर्क- सिवन

सिवन ने कहा, "हम विक्रम लैंडर से अभी तक संपर्क नहीं साध पाए हैं। यह प्रोजेक्ट दो चरणों- साइंस और टेक्नोलॉजी में विकसित किया गया था। हमने साइंस का लक्ष्य पूरा कर लिया है, जबकि टेक्नोलॉजी का लक्ष्य लगभग पूरा हो गया है। इसमें हमें लगभग पूरी सफलता मिली है। इसलिए हम इस प्रोजेक्ट को 98 प्रतिशत सफल मान रहे हैं।" बता दें, चंद्रमा पर अब रात हो गई है। ऐसे में विक्रम से संपर्क करना अब असंभव है।

चंद्रयान-2

सात सालों तक काम करेगा ऑर्बिटर- सिवन

भुवनेश्वर IIT के दीक्षांत समारोह में भाग लेने आए सिवन ने कहा कि वैज्ञानिक उन खामियों का अध्ययन करने में लगे हैं, जिनकी वजह से विक्रम लैंडर का कंट्रोल रूम से संपर्क टूटा था। उन्होंने कहा कि शुरुआत में ऑर्बिटर को एक साल के लिए तैयार किया गया था, लेकिन अब इस बात की पूरी संभावना है कि यह लगभग सात सालों तक वैज्ञानिक प्रयोगों में मदद करेगा। बता दें, ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।

गगनयान

गगनयान मिशन पर जुटा ISRO

ISRO अब अतंरिक्ष में मानव भेजने के मिशन पर जुट गया है। इस मिशन को गगनयान नाम दिया गया है। सिवन ने जानकारी देते हुए कहा, "हम गगनयान मिशन को अगले साल तक पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हम कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं।" इस मिशन के तहत तीन भारतीयों को साल 2022 में 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष भेजा जाएगा। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

टेस्ट

वायुसेना पायलटों का शुरुआती टेस्ट हुआ पूरा

अंतरिक्ष जाने वाले तीन यात्रियों के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और अगले 6 महीने के अंदर ये पूरी हो जाएगी। इसके लिए भारतीय वायुसेना के 10 पायलटों का शुरुआती टेस्ट हो चुका है। इनमें से तीन पायलटों को अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना जाएगा। चयन के बाद इनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। अगर गगनयान मिशन कामयाब रहता है तो भारत दुनिया का केवल चौथा ऐसा देश होगा, जो मानव को अंतरिक्ष में भेजने में कामयाब होगा।