'मेक इन इंडिया' के तहत बनेगी छह पनडुब्बियां, 45 हजार करोड़ की है योजना
भारतीय नौसेना के लिए एडवांस्ड डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी बनाने के लिए सरकार दूसरी प्रोडक्शन लाइन शुरू करने को तैयार है। प्रोजेक्ट 75-I के तहत, 45,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में काम करने के इच्छुक विदेशी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में पनडुब्बी बनानी होगी। इस साल फरवरी में सरकार ने नौसेना के लिए छह पनडुब्बियों के निर्माण की योजना को मंजूरी दी थी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्वदेशी डिजाइन को बढ़ेगा बढ़ावा
दूसरी प्रोडक्शन लाइन शुरू करने के बारे में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस प्रोजक्ट से स्वदेशी डिजाइन और भारत में पनडुब्बियों के निर्माण की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही पनडुब्बियों के नवीनतम डिजाइन और तकनीक भी इसका हिस्सा होंगे। अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो भारत पनडुब्बी डिजाइन और निर्माण का हब बन सकता है। NDTV के मुताबिक, भारतीय नौसेना के पास भी इस कंसोर्टियम से छह और पनडुब्बी लेने का विकल्प है।
ऐसे चलेगी पूरी प्रक्रिया
इस योजना में हिस्सा लेने की इच्छुक भारतीय कंपनियां दो महीनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दे सकती है। सरकार ने कहा कि भारतीय कंपनियों को उनकी वित्तीय क्षमता, जहाज निर्माण क्षेत्र में उसकी विशेषज्ञता और सिस्टम के एकीकरण की क्षमता के आधार पर चुना जाएगा। इन कंपनियों की प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार इस रिक्वेस्ट ऑफ प्राइसिंग (RFP) की तरफ बढ़ेगी, जहां बोलियों की जांच की जाएगी। सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को परियोजना में शामिल किया जाएगा।
भारत में ही होगा पनडुब्बियों का निर्माण
इस प्रक्रिया के बाद भारतीय कंपनी अपने विदेशी पार्टनर के साथ ज्वाइंट वेंचर में भारत में पनडुब्बियां बनाएंगी। हालांकि, इस परियोजना के तहत बनी पनडुब्बियों को नौसेना में शामिल होने में पांच साल तक का समय लग सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि करगिल युद्ध के बाद भारत में दो प्रोडक्शन लाइन के जरिए पनडुब्बी बनाने की 30 साल की योजना बनाई गई थी। इसमें परंपरागत और परमाणु पनडुब्बियां शामिल होंगी।
रूस से लीज पर परमाणु पनडुब्बी लेगा भारत
इसी साल मार्च में भारत और रूस के बीच परमाणु पनडुब्बी को लेकर तीन अरब डॉलर का समझौता हुआ था। भारत, रूस से अकुला-2 परमाणु पनडुब्बी को 10 साल के लिए लीज पर लेगा। भारतीय नौसेना के पास अभी रूस से ली गई अकुला-2 लड़ाकू पनडुब्बी है, जिसे चक्र-2 के नाम से जाना जाता है। यह 2012 में 10 साल के लिए लीज पर ली गई थी। नई पनडुब्बी अगले 5-6 सालों में भारतीय नौसेना को मिल जाएगी।
रूस से तीसरी पनडुब्बी
रूस की यह तीसरी पनडुब्बी होगी, जो भारत लीज पर लेगा। सबसे पहले 1988 में परमाणु पनडुब्बी INS चक्र तीन साल की लीज पर ली गई थी। इसके बाद INS चक्र-2 को 2012 में 10 सालों के लिए लीज पर लिया गया था। अब यह तीसरी पनडुब्बी होगी। INS चक्र-2 की लीज 2022 में समाप्त होने वाली है। भारत इस लीज को बढ़ाने के बारे में विचार कर रहा है।