राफेल डील पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जवाब, कहा- रद्द हो सारी याचिकाएं
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राफेल डील पर दायर सभी चायिकाएं खारिज करने की मांग की है। केंद्र ने कहा कि राफेल मुद्दे पर दायर याचिकाएं निराधार आरोपों पर आधारित है और रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई जानकारी नहीं छुपाई है। बता दें, लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष राफेल डील को लेकर काफी हमलावर रहा था। खासकर कांग्रेस का आरोप था कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ है। जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब
राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हैं। सुप्रीम कोर्ट इन पर सुनवाई कर रहा है। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में सरकार से इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के दखल के आरोप पर जवाब मांगा था। सरकार ने यह इसका लिखित जवाब दाखिल करते हुए कहा कि इस मामले में PMO की तरफ से कोई समानांतर बातचीत नहीं की गई। इसके साथ सरकार ने मामले में दायर याचिकाओं को रद्द करने की मांग की है।
पुनर्विचार पर केंद्र की आपत्ति हुई थी खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में राफेल सौदे में उसके फैसले पर पुनर्विचार यायिका दायर करने के लिए इस्तेमाल हुए दस्तावेजों पर केंद्र सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। सरकार को झटका देते हुए कोर्ट ने नए दस्तावेजों के आधार पर सुनवाई करने का फैसला किया था। इससे पहले सरकार ने कोर्ट से कहा था कि जिन दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है, वह सुरक्षा से जुड़े हैं और उन्हें चोरी किया गया है।
'द हिंदू' ने की थी रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट
दरअसल, अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने राफेल सौदे से जुड़े कुछ सरकारी दस्तावेजों को छापा था, जिनसे खुलासा हुआ था कि सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से समानांतर बातचीत की गई थी और इससे लेकर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आपत्ति भी जताई थी। अधिकारियों का मानना था कि PMO के समानांतर बातचीत करने से सौदे की शर्तों में भारत का पक्ष कमजोर होगा। बाद में समाचार एजेंसी ANI ने भी इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट की।