
स्पा और मसाज पार्लर में CCTV कैमरे लगाना है शारीरिक निजता का उल्लंघन- मद्रास हाई कोर्ट
क्या है खबर?
मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने मंगलवार को स्पा सेंटर में लगाए जाने वाले CCTV कैमरों के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे पूरी तरह से अवैध करार दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि महज किसी आशंका के आधार पर लोगों के अधिकारों को छीनने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। स्पा सेंटर और मसाज पार्लर में CCTV कैमरे लगाना किसी भी व्यक्ति की शारीरिक स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। आगे पढ़ें विस्तृत खबर।
याचिका
स्पा सेंटर की संचालक ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
NDTV के अनुसार, तिरुचिरापल्ली में क्वीन आयुर्वेदिक क्रॉस स्पा सेंटर चलाने वाली पायल विश्वास ने मामले में याचिका दायर की थी।
उन्होंने साल 2018 में सरकार की ओर से स्पा चलाने वालों के लिए लाइसेंस लेने के आदेश के तहत आवेदन भी किया था, लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया गया।
उन्होंने याचिका में पुलिस को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने के आदेश देने और पुलिस को स्पा संचालन में दखल देने से रोकने की मांग की थी।
अधिसूचना
सरकार ने यह जारी की थी अधिसूचना
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि सरकार की ओर से स्पा और मसाज पार्लर के लाइसेंस के लिए जारी की गई अधिसूचना में व्यक्ति की निजता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना प्रवेश और निकास बिंदुओं पर CCTV कैमरे लगाने पर विचार करने को कहा था।
उसके बाद पुलिस ने स्पा और मसाज पार्लर संचालकों पर कैबिन के अंदर भी CCTV कैमरे लगाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया और नहीं लगाने पर NOC देना बंद कर दिया।
सुनवाई
CCTV कैमरे लगाना है अनुच्छेद 21 का उल्लंघन- हाई कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए मदुरै पीठ के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा, "जब तक कानूनी रूप से यह अनिवार्य नहीं किया जाता कि CCTV कैमरे निश्चित स्थान पर लगाए जाने चाहिए, तब तक ऐसा नहीं किया जा सकता है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 (गोपनीयता) का उल्लंघन है।"
उन्होंने कहा, "स्पा जैसे परिसर में CCTV निस्संदेह व्यक्ति की शारीरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। वहां राज्य की चुभती नजर को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।"
टिप्पणी
हाई कोर्ट ने मामले में की यह टिप्पणी
हाई कोर्ट ने कहा, "CCTV कैमरा लगाने का निर्णय किसी व्यक्ति की निजता पर असर डालता है। उसके लिए सबसे अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। सरकार को विवेकपूर्ण तरीके से सोचते हुए निर्धारित करने की आवश्यकता है कि इसके उचित उपयोग के लिए किस तरह के नियम बनाए जाने चाहिए।"
कोर्ट ने कहा, "मसाज पार्लरों में देह व्यापार की आशंका किसी व्यक्ति के आराम करने के अधिकार में खलल डालने का पर्याप्त कारण नहीं हो सकती है।"
असहमति
हाई कोर्ट ने अन्य न्यायाधीश के आदेश पर जताई असहमति
हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार की अधिसूचना में स्पा और मसाज पार्लर के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर CCTV लगाने पर विचार करने को कहा गया था। ऐसे में पूरे परिसर में CCTV लगाने के लिए बाध्य करना अवैध है।
कोर्ट ने पुलिस को याचिकाकर्ता को NOC जारी करने का आदेश देते हुए ऐसे ही मामले में एक अन्य न्यायाधीश द्वारा राज्य के सभी स्पा और मसाज पार्लरों में CCTV कैमरे लगाने के आदेश पर भी असहमति जता दी।