राफेल सहित 26 तरह के विमान उड़ा चुके राकेश भदौरिया बनेंगे वायुसेना प्रमुख, जानिए उनकी उपलब्धियां
एयर वाइस चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया देश के अगले वायुसेना प्रमुख होंगे। सरकार ने गुरुवार को उनकी नियुक्ति की घोषणा की। 30 सितंबर को मौजूदा वायुसेना प्रमुख बीरेंद्र सिंह धनोआ के रिटायरमेंट के बाद वह उनकी जगह लेंगे। राफेल विमान उड़ाने वाले चंद वायुसेना पायलटों में शामिल भदौरिया ने वायुसेना में अपनी सेवा के दौरान कई मुकाम और सम्मान हासिल किए हैं। आइए आपको उनकी ऐसी ही कुछ प्रमुख उपलब्धियों और खासियतों के बारे में बताते हैं।
भदौरिया ने उड़ाए हैं 26 तरह के विमान
देश के 26वें वायुसेना प्रमुख बनने जा रहे भदौरिया ने बांग्लादेश के 'कमांड एंड स्टाफ कॉलेज' से डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की है। वह पुणे की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षित हैं। भदौरिया 15 जून, 1980 को 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' सम्मान के वायुसेना में शामिल हुए थे। इसके बाद लगभग 40 सालों की सेवा में वह 4,250 घंटे से अधिक विमान उड़ा चुके हैं। उन्हें 26 तरह के लड़ाकू और परिवहन विमान उड़ाने का अनुभव है।
इन प्रमुख पदों पर रह चुके हैं भदौरिया
उनकी सेवा के दौरान भदौरिया को वायुसेना में कई अहम जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं। वह मार्च 2017 से जुलाई 2018 तक दक्षिणी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पद पर रहे। इसके बाद अगस्त 2018 में वायुसेना की प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर उनकी नियुक्ति की गई। मई 2019 में उनका प्रमोशन करके उन्हें एयर वाइस चीफ मार्शल बना दिया गया और अब वह अगले वायुसेना प्रमुख होंगे।
इजाद किया GPS के जरिए जगुआर विमान से बमबारी करने का तरीका
इसके अलावा भदौरिया जगुआर स्क्वाड्रन कमांड, प्रीमियर एयर फोर्स स्टेशन, कमांडिंग अफसर ऑफ फाइट टेस्ट स्क्वाड्रन समेत कई अन्य जिम्मेदारियां भी संभाल चुके हैं। उत्कृष्ट फाइटर पायलट भदौरिया को जहाज उड़ाने के दौरान नए-नए तरीके आजमाने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने GPS के जरिए जगुआर विमान से बमबारी करने का तरीका इजाद किया था। इस तरीके को बाद में 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर में प्रयोग किया गया था और ये सफल सिद्ध हुआ था।
राफेल विमान सौदे में भारतीय दल के अध्यक्ष थे भदौरिया
भदौरिया फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे की बातचीत में अहम किरदार निभा चुके हैं और उन्होंने भारतीय दल की अध्यक्षता की थी। यही नहीं, भदौरिया उन चंद वायुसेना पायलटों में शामिल हैं जो राफेल विमान उड़ा चुके हैं। वह भारत के अपने लड़ाकू विमान 'तेजस' की परियोजना के निदेशक भी रहे हैं। उन्होंने चीफ टेस्ट पायलट के तौर पर तेजस की टेस्ट फ्लाइट में भी हिस्सा लिया था।
भदौरिया को मिल चुके हैं ये सम्मान
सेवा के दौरान भदौरिया को 2002 में वायुसेना मेडल, 2013 में अति विशिष्ट सेवा मेडल और 2018 में परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं, जनवरी 2019 में उन्हें युद्धभूमि में राष्ट्राध्यक्ष के सहायक की मानद उपाधि से नवाजा गया था।
30 सितंबर को ही रिटायर हो रहे थे भदौरिया
बता दें कि अगले वायुसेना प्रमुख के लिए भदौरिया के अलावा अन्य पांच वरिष्ठ अधिकारी भी रेस में थे, लेकिन अंत में बाजी भदौरिया के हाथ लगी। दिलचस्प बात ये है कि भदौरिया भी मौजूदा वायुसेना प्रमुख धनोआ के साथ 30 सितंबर को रिटायर हो रहे थे, लेकिन उन्हें रिटारमेंट के दिन ही अगला वायुसेना प्रमुख बनाया जाएगा। अब वह अगले दो साल यानि 62 साल की उम्र तक वायुसेना प्रमुख रहेंगे।
28 साल बाद किसी अधिकारी को रिटायरमेंट के दिन बनाया गया वायुसेना प्रमुख
वायुसेना के इतिहास में ऐसा 28 साल बाद हुआ है जब रिटायरमेंट के दिन किसी वाइस चीफ मार्शल को वायुसेना प्रमुख बनाया गया हो। इससे पहले 1991 में वाइस चीफ मार्शल एनसी सूरी को ऐसी ही परिस्थितियों में वायुसेना प्रमुख बनाया गया था।