NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / ब्रिटेन के विश्वविद्यालय प्रोफेसरों को देते हैं भारतीय विश्वविद्यालय से कम वेतन, प्रोफेसर का खुलासा
    अगली खबर
    ब्रिटेन के विश्वविद्यालय प्रोफेसरों को देते हैं भारतीय विश्वविद्यालय से कम वेतन, प्रोफेसर का खुलासा
    ब्रिटेन के प्रोफेसरों को भारत से कम वेतन मिलता है (तस्वीर: पिक्सल)

    ब्रिटेन के विश्वविद्यालय प्रोफेसरों को देते हैं भारतीय विश्वविद्यालय से कम वेतन, प्रोफेसर का खुलासा

    लेखन गजेंद्र
    Dec 18, 2024
    02:13 pm

    क्या है खबर?

    यूरोपीय देशों में नौकरी कर पैसा कमाने की चाहत रखने वालों को एक प्रोफेसर की आपबीती झटका दे सकती है।

    इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के संकाय सदस्य अनंत सुदर्शन ने हाल ही में यहां के अकादमिक वेतन के बारे में चौंकाने वाली सच्चाई का खुलासा किया है।

    उन्होंने एक्स पर बताया कि कैसे ब्रिटेन में अकादमिक वेतन में गिरावट आई है और खासकर यह संविदा कर्मचारियों को लेकर ज्यादा दिख रहा है।

    चिंता

    प्रोफेसर सुदर्शन ने क्या बताया?

    प्रोफेसर सुदर्शन ने लिखा, 'ब्रिटेन में वेतन एक मजाक बनता जा रहा है, खासतौर पर संविदा कर्मचारियों के लिए। मैं यहां के विशेष उच्च क्षमता वाले व्यक्तिगत वीजा के लिए योग्य लोगों को नियुक्त करने में विफल रहा क्योंकि भारत में एक सरकारी विश्वविद्यालय उन्हें यहां से थोड़ा अधिक भुगतान करने को तैयार हैं।'

    उन्होंने लिखा कि अधिकांश लोगों के लिए कोई तुलना नहीं, लेकिन सर्वश्रेष्ठ लोगों के लिए ब्रिटेन आश्चर्यजनक रूप से अनाकर्षक है, खासतौर से शिक्षा जगत में।

    दुख

    वेतन देने के मामले में काफी पीछे है ब्रिटेन

    ब्रिटेन में वेतन को लेकर चिंता सिर्फ शिक्षा जगत में ही नहीं बल्कि तकनीक और चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वालों की भी है।

    उच्च शिक्षा वेतन को लेकर हुए एक वैश्विक सर्वेक्षण में सामने आया कि ब्रिटेन में शिक्षाविदों का वेतन इटली, दक्षिण अफ्रीका, भारत, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों की तुलना में काफी पीछे है, जो 5 लाख रुपये प्रतिमाह के आसपास है।

    प्रोफेसर सुदर्शन के पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी आपबीती लिखी है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    ब्रिटेन
    शिक्षा

    ताज़ा खबरें

    मध्य प्रदेश पुलिस ने मंत्री विजय शाह के बयान की जांच के लिए SIT गठित की मध्य प्रदेश
    भारतीय सेना के अधिकारी का दावा- पूरा पाकिस्तान हमारे हथियारों की रेंज में है भारतीय सेना
    उत्तर भारत में चिलचिलाती धूप निकाल रही दम, आज तूफान के साथ होगी बारिश  गर्मी की लहर
    माइक्रोसॉफ्ट का नया AI टूल 'डिस्कवरी' कैसे वैज्ञानिक शोध में लाएगा तेजी? माइक्रोसॉफ्ट

    ब्रिटेन

    ब्रिटेन में बीते साल सबसे ज्यादा भारतीय पहुंचे, 5 सालों में 83,000 ने ली नागरिकता वीजा
    UK: परिवार को होटल में दिखी हूबहू बेटे के शक्ल वाली तस्वीर, हुए हैरान  अजब-गजब खबरें
    ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा बनाई गई सिरेमिक बकरी की होगी नीलामी, लाखों में बिकेगी  किंग चार्ल्स तृतीय
    RBI ने ब्रिटेन के बैंक में जमा 100 टन सोना निकाला, अपनी तिजोरी में जमा किया भारतीय रिजर्व बैंक

    शिक्षा

    ओपन यूनिवर्सिटी में पढ़ने से हो सकती हैं ये परेशानियां, दाखिला लेने से पहले करें विचार डिस्टेंस लर्निंग
    बिहार: भागलपुर में स्कूल में अव्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन, छात्राएं बोलीं- मैडम करती रहती हैं चैटिंग बिहार
    सुबह जल्दी उठकर पढ़ना चाहते हैं तो ऐसे बनाएं सही दिनचर्या परीक्षा तैयारी
    क्या है होम स्कूलिंग? जानिए इसके फायदे और नुकसान ऑनलाइन शिक्षा
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025