
ब्रिटेन के विश्वविद्यालय प्रोफेसरों को देते हैं भारतीय विश्वविद्यालय से कम वेतन, प्रोफेसर का खुलासा
क्या है खबर?
यूरोपीय देशों में नौकरी कर पैसा कमाने की चाहत रखने वालों को एक प्रोफेसर की आपबीती झटका दे सकती है।
इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के संकाय सदस्य अनंत सुदर्शन ने हाल ही में यहां के अकादमिक वेतन के बारे में चौंकाने वाली सच्चाई का खुलासा किया है।
उन्होंने एक्स पर बताया कि कैसे ब्रिटेन में अकादमिक वेतन में गिरावट आई है और खासकर यह संविदा कर्मचारियों को लेकर ज्यादा दिख रहा है।
चिंता
प्रोफेसर सुदर्शन ने क्या बताया?
प्रोफेसर सुदर्शन ने लिखा, 'ब्रिटेन में वेतन एक मजाक बनता जा रहा है, खासतौर पर संविदा कर्मचारियों के लिए। मैं यहां के विशेष उच्च क्षमता वाले व्यक्तिगत वीजा के लिए योग्य लोगों को नियुक्त करने में विफल रहा क्योंकि भारत में एक सरकारी विश्वविद्यालय उन्हें यहां से थोड़ा अधिक भुगतान करने को तैयार हैं।'
उन्होंने लिखा कि अधिकांश लोगों के लिए कोई तुलना नहीं, लेकिन सर्वश्रेष्ठ लोगों के लिए ब्रिटेन आश्चर्यजनक रूप से अनाकर्षक है, खासतौर से शिक्षा जगत में।
दुख
वेतन देने के मामले में काफी पीछे है ब्रिटेन
ब्रिटेन में वेतन को लेकर चिंता सिर्फ शिक्षा जगत में ही नहीं बल्कि तकनीक और चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वालों की भी है।
उच्च शिक्षा वेतन को लेकर हुए एक वैश्विक सर्वेक्षण में सामने आया कि ब्रिटेन में शिक्षाविदों का वेतन इटली, दक्षिण अफ्रीका, भारत, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों की तुलना में काफी पीछे है, जो 5 लाख रुपये प्रतिमाह के आसपास है।
प्रोफेसर सुदर्शन के पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी आपबीती लिखी है।