ओपन यूनिवर्सिटी में पढ़ने से हो सकती हैं ये परेशानियां, दाखिला लेने से पहले करें विचार
बदलते वक्त के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव हुआ है। अब युवाओं के बीच डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रमों का चलन बढ़ा है। भारत में IGNOU, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग दिल्ली जैसे कुछ संस्थान है, जो डिस्टेंस लर्निंग से स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा कार्यक्रम प्रदान करते हैं। ओपन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के कई फायदे हैं, लेकिन कई बार छात्रों को पढ़ाई के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बातचीत का अभाव
ओपन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने का सबसे बड़ा नुकसान है छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की कमी। ऑनलाइन या रिकॉर्डेड कक्षाओं में आमने-सामने की चर्चा के अवसर सीमित होते हैं, इससे छात्रों के सीखने के अनुभव पर असर पड़ता है। आप ईमेल या ऑनलाइन चैट रूम के माध्यम से बातचीत कर सकते हैं, लेकिन तुरंत स्पष्टीकरण और मार्गदर्शन मिलने में देरी हो सकती है। डिस्टेंस लर्निंग में छात्रों को मौखिक संचार कौशल पर काम करने का मौका नहीं मिलता।
प्रेरित बने रहने में कठिनाई
कई लोगों का मानना है कि ओपन यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रम उन्हें प्रेरित नहीं करते क्योंकि उन्हें हर दिन कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होती है। कक्षाओं में भाग लेने से छात्रों को प्रतिस्पर्धा और चुनौती का माहौल मिलता है और ये शिक्षा के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनता है। अधिकांश ऑनलाइन कार्यक्रम तेज गति वाले होते हैं, इसमें आम कक्षाओं की तरह छात्रों पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता।
मूल्यांकन न होना
सामान्य कक्षाओं में विभिन्न सत्रीय टेस्ट के माध्यम से किसी छात्र के शैक्षिक प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन ओपन यूनिवर्सिटी में छात्रों का व्यक्तिगत मूल्यांकन नहीं हो पाता। छात्रों को फीडबैक के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।
सह-पाठ्यचर्या गतिविधि न होना
आमतौर पर कॉलेजों में कई तरह की सह-पाठ्यचर्या गतिविधियां (को-करिकुलर एक्टिविटी) होती हैं। इनमें नृत्य, गायन, संगीत, खेल प्रतियोगिता आदि शामिल हैं। अगर आप ओपन यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे तो आप कैंपस संबंधी गतिविधियों का लाभ नहीं उठा पाएंगे। ये गतिविधियां छात्रों के शैक्षणिक विकास के साथ व्यक्तिगत विकास में सहायक होती हैं। ऐसे में ओपन यूनिवर्सिटी में पढ़ने से छात्रों के अंदर की प्रतिभा बाहर निकल कर सामने नहीं आ पाती और वे अन्य चीजों में पीछे रह जाते हैं।
भौतिक संसाधनों तक सीमित पहुंच
एक सामान्य कॉलेज में छात्रों को कैंपस में पढ़ाई करवाई जाती है। यहां छात्रों के लिए लाइब्रेरी, लैब, शिक्षा उपकरण और हॉस्टल की सुविधा भी दी जाती है, लेकिन ओपन यूनिवर्सिटी में कैंपस का अभाव होता है। इससे छात्रों के सीखने की क्षमता और आवश्यक सामग्रियों तक उनकी पहुंच प्रभावित होती है। ओपन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को विज्ञान और केमिस्ट्री जैसे विषयों का प्रैक्टिकल ज्ञान नहीं मिल पाता और वे बुनियादी अवधारणाएं नहीं समझ पाते।