टूर ऑफ ड्यूटी: तीन साल के लिए सेना में शामिल हो सकेंगे आम नागरिक
क्या है खबर?
भारतीय सेना तीन साल के लिए आम नागरिकों को अपनी रैंक में शामिल करने पर विचार कर रही है। इसे टूर ऑफ ड्यूटी नाम दिया जाएगा।
अगर सारी चीजें योजना के मुताबिक रही तो जल्द ही इसका ऐलान किया जा सकता है।
इसमें नागरिकों को तीन साल के लिए सेना में शामिल होकर काम करने का मौका दिया जाएगा। फिलहाल सेना में सबसे छोटा कार्यकाल शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत 10 साल का है।
जानकारी
पहले चरण में 100 अफसर और 1,000 जवान होंगे भर्ती
सेना के सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव पर वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो टेस्ट प्रोजेक्ट के तौर पर 100 अफसर और 1,000 जवानों की भर्ती की जाएगी।
टूर ऑफ ड्यूटी
ऐसे लोगों के फायदेमंद होगा टूर ऑफ ड्यूटी
बताया जा रहा है कि 'देशभक्ति और राष्ट्रवाद में आए उछाल' और देश में बेरोजगारी की स्थिति देखते हुए सेना इस प्रस्ताव को लेकर आई है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि टूर ऑफ ड्यूटी उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जो स्थायी रूप से सेना में नहीं जाना चाहते, लेकिन सेना के पेशे का अनुभव लेना चाहतेे हैं।
इसे सेना में स्थायी सेवा और नौकरी के कॉन्सेप्ट में एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
टूर ऑफ ड्यूटी
भर्ती के नियमों में नहीं मिलेगी कोई छूट
हालांकि, टूर ऑफ ड्यूटी में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए भर्ती के नियमों में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने इस प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है।
इसमें शामिल होने वाले लोगों की तीन सालों की आय टैक्स फ्री की जा सकती है और उन्हें सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, यह सभी के लिए अनिवार्य नहीं होगा।
टूर ऑफ ड्यूटी
सेना को भी होगा आर्थिक फायदा
प्रस्ताव में बताया गया है कि इस कदम से सेना को आर्थिक फायदे भी होंगे। टूर ऑफ ड्यूटी में शामिल होने वाले लोगों पर कुल खर्च SSC के जरिये शामिल हुए अफसर की तुलना में बेहद कम होगा।
अभी सेना में 10-14 साल की नौकरी करने वाले एक अफसर पर 5-6.8 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
इस खर्च में ट्रेनिंग, सैलरी, भत्ते, ग्रैच्युटी आदि लागत शामिल होती है। वहीं टूर ऑफ ड्यूटी में अफसर पर लागत 80-85 लाख रुपये आएगी।
टूर ऑफ ड्यूटी
टूर ऑफ ड्यूटी करने वालों को नौकरी में प्राथमिकताएं देंगी कंपनियां- आंतरिक सर्वे
प्रस्ताव में कहा गया है इससे युवाओं की ऊर्जा और क्षमता का सही इस्तेमाल हो सकेगा। सेना की कठोर ट्रेनिंग और आदतें लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेगी। तीन साल का टूर ऑफ ड्यूटी करने वाले ट्रेनिंग पाए, अनुशासित, आत्मविश्वासी, मेहनती और प्रतिबद्ध महिला और पुरुषों से पूरे देश को फायदा मिलेगा।
वहीं एक आंतरिक सर्वे में पता चला है कि कंपनियां ऐसे लोगों को प्राथमिकता से नौकरियां देंगी।
जानकारी
सफल रहने पर बढ़ाया जा सकता है दायरा
सेना का कहा है कि यह योजना सीमित भर्तियों के साथ ट्रायल के आधार पर शुरू की जाएगी। अगर यह सफल रहती है तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है और ज्यादा लोगों को सेना में काम करने का मौका दिया जाएगा।