कर्नल ने जीती सैन्य अधिकारियों के लिए फ्री राशन की लड़ाई, लेकिन हाथ से गया प्रमोशन
लगभग दो साल पहले केंद्र सरकार ने सेना के अधिकारियों को मिलने वाले फ्री राशन पर रोक लगा दी थी। इसे लेकर सेना के जज एडवोकेट जनरल्स (JAG) विभाग के कर्नल मुकुल देव ने तत्कालीन रक्षा सचिव को कानूनी नोटिस भेजा था। दो साल की इस लड़ाई के बाद गुरुवार को कर्नल देव को उनका राशन मिल गया। हालांकि, इसके लिए उन्हें ब्रिगेडियर पद पर होने वाले अपने प्रमोशन से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने इसकी जानकारी ट्विटर पर शेयर की।
जून में मिली राशन की मंजूरी
इस साल जून में रक्षा मंत्रालय ने शांति वाले इलाकों में तैनात थल सेना, वायुसेना और नौसेना के अधिकारियों के लिए फ्री राशन को मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पद संभालते ही यह फैसला लिया था।
राशन मिला, लेकिन प्रमोशन नहीं
देव ने ट्वीट किया, "यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आज सुबह मुझे राशन मिल गया, जिस पर दो साल से अवैध तरीके से रोक लगी हुई थी। गैर-कानूनी तरीके से रोके गए राशन को पाने के लिए अपनी आवाज उठाने के कारण मेरे साथ हुए अन्याय को भी नहीं भूला जा सकता।" गौरतलब है कि पिछले साल मई में देव का ब्रिगेडियर पद पर प्रमोशन होना था, लेकिन उनके अधिकारियों ने उनसे 'अप्रसन्नता' प्रकट की और उनका प्रमोशन रुक गया।
देव ने ट्रिब्यूनल में लगाई अर्जी
पश्चिमी सेक्टर में तैनात देव ने कानूनी नोटिस भेजने के कारण सेना द्वारा प्रमोशन न करने के फैसले को आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल (ATF) में चुनौती दी है। देव ने कहा है कि इस सजा की वजह से उनके ब्रिगेडियर बनने की संभावना को नुकसान होगा।
देव ने याचिका में दी ये दलीलें
देव ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार ने सेना में कमीशन होने के विज्ञापन में नौकरी के साथ अधिकारियों को फ्री राशन की बात कही थी। सरकार ने एक जुलाई, 2017 को शांति वाले इलाकों में तैनात अधिकारियों के फ्री राशन को रोक दिया। देव ने कहा कि चूंकि यह नौकरी के नियम और शर्तों में बदलाव है, ऐसे में याचिकाकर्चा कानूनी कदम उठाने का हकदार है। इसलिए उन्होंने रक्षा सचिव के जरिए सरकार को नोटिस भेजा था।
देव को मिला था कारण बताओ नोटिस
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नोटिस भेजने और इसे सोशल मीडिया पर शेयर करने की वजह से सेना ने देव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में देव ने कहा कि उन्हें कानूनी मदद लेने का हक है।