अब कोरोना वायरस जैसे लक्षण वाला हर व्यक्ति करा सकेगा टेस्ट, ICMR ने बदले नियम
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मंगलवार को कोरोना वायरस की टेस्टिंग से संबंधित अपने नियमों में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया। अब देश में कोरोना वायरस जैसे लक्षणों वाला हर व्यक्ति टेस्ट करा सकेगा। अब तक केवल अस्पताल में भर्ती, कंटेनमेंट जोन या हॉटस्पॉट इलाकों में रहने वालों, किसी संक्रमित व्यक्ति के संबंधियों, स्वास्थ्यकर्मियों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के रिकॉर्ड वाले लोगों का टेस्ट किया जा रहा था। उनका टेस्ट भी लक्षण दिखने पर ही किया जाता था।
कई बार बदले जा चुके हैं टेस्टिंग संबंंधी नियम
भारत में कोरोना वायरस की टेस्टिंग की व्यवस्था ICMR संभाल रही है और महामारी के शुरूआत से अब तक कई बार टेस्टिंग के नियमों को बदला जा चुका है। सबसे पहले केवल उन लोगों का टेस्ट किया जा रहा था जो विदेश से वापस आए थे। धीरे-धीरे ये दायरा बढ़ाया गया और 18 मई को अस्पताल और कंटेनमेंट जोन से संबंधित, मरीजों के संबंधियों और स्वास्थ्यकर्मियों में से किसी में लक्षण दिखने पर उनकी टेस्टिंग की भी सलाह दी गई।
अब बिना किसी शर्त के होगा लक्षणों वाले सभी लोगों का टेस्ट
अब मंगलवार को जारी अपनी एडवाइजरी में ICMR ने बिना किसी शर्त के लक्षणों वाले सभी लोगों की टेस्टिंग की इजाजत दे दी है। इसमें राज्यों और सरकारी और निजी संस्थानों को इसके लिए जरूरी कदम उठाने और विभिन्न तरीकों के टेस्टों के जरिए टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी गई है। ICMR ने कहा है कि संक्रमण को फैलने से रोकने और लोगों को बचाने का एकमात्र तरीका टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट (इलाज) है।
निजी अस्पतालों, दफ्तरों और सरकारी उद्योगों को एंटीबॉडी टेस्ट करने की सलाह
अपनी नई एडवाइजरी में ICMR ने निजी अस्पतालों, दफ्तरों और सरकारी उद्योगों को निगरानी के लिए एंटीबॉडी टेस्ट करने की सलाह दी है। उसका कहना है कि इससे स्वास्थ्यकर्मियों और दफ्तर के कर्मचारियों के मन में बैठा डर दूर होगा।
टेस्टिंग केंद्र की कमी से निपटने के लिए दी ये सलाह
बता दें कि RT-PCR से लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट तक, कोरोना वायरस के कई तरह के टेस्ट उपलब्ध होने के बावजूद देशभर में टेस्टिंग तक पहुंच एक बड़ी समस्या है। देशभर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां टेस्टिंग करने के लिए कोई लैब या अन्य सुविधा नहीं है। इसी कारण ICMR ने अपनी एडवाइजरी में सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों और मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों और लैब्स को टेस्टिंग की सुविधा प्रदान करने को कहा है।
"लक्षण वाले सभी लोगों का हो टेस्ट"
ICMR के अनुसंधान प्रबंधन प्रमुख रजनीकांत श्रीवास्तव ने नई गाइडलाइंस पर कहा, "चूंकि कई तरह की नए टेस्ट को जोड़ा गया है, इसलिए एडवाइजरी में टेस्ट की सभी नई तकनीकों का प्रयोग करने को कहा गया है... सभी लक्षणों वाले लोग चाहें वे कंटेनमेंट जोन के अंदर हो या बाहर हों, अस्पताल के अंदर हो या बाहर हों... कोई भी जिसमें लक्षण दिख रहे हैं, उसका टेस्ट किया जाना चाहिए।"
कुछ ऐसी है देश में टेस्टिंग की स्थिति
बता दें कि महामारी की शुरूआत से लेकर 23 जून तक देशभर में कोरोना वायरस के 73 लाख 52 हजार 911 टेस्ट किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में 2,15,195 टेस्ट किए गए जो एक दिन में अब तक किए गए सबसे अधिक टेस्ट हैं। देश की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 6.2 प्रतिशत है। हालांकि पिछले कुछ समय में इसमें वृद्धि हुई है और 17 जून को खत्म हुए हफ्ते में ये 7.8 प्रतिशत रही।