
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में पांच IAS अधिकारियों को सुनाई जेल की सजा
क्या है खबर?
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेशों की अवहेलना करने को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पांच अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई की है।
कोर्ट ने पांचों IAS अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना को दोषी ठहराते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने पांचों अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट द्वारा एकसाथ पांच IAS अधिकारियों को जेल भेजने के आदेश देने से प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
प्रकरण
जमीन के मुआवजे से जुड़ा हुआ है मामला
कोर्ट ने यह फैसला जमीन के मुआवजे के मामले में दिया है। दरअसल, नेल्लोर जिले के वेंकटचलम मंडल के कनुपुर गांव निवासी तल्लापका सावित्रम्मा ने साल 2017 में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी तीन एकड़ जमीन राजस्व अधिकारियों ने बिना किसी नोटिस के अधिग्रहित कर ली।
अधिकारियों ने उसे इसका मुआवजा भी नहीं दिया और जमीन को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान को दे दी।
आदेश
हाई कोर्ट ने दिए थे तीन महीने में मुआवजा देने के निर्देश
हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सावित्रम्मा की दलील को स्वीकार किया था और राजस्व अधिकारियों को तीन महीने में पीड़िता को मुआवजा राशि के भुगतान के आदेश दिए थे।
इसके बाद भी अधिकारियों ने उसे मुआवजा नहीं दिया। पीड़िता ने इसको लेकर सभी अधिकारियों के साथ संपर्क भी किया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
ऐसे में पीड़िता ने दुखी होकर साल 2018 में हाई कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर कर दी।
जानकारी
हाई कोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर मांगा था जवाब
मामले में अवमानना की याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था। इसके जवाब में अधिकारियों ने प्रक्रिया में देरी होने तथा 30 मार्च, 2021 को भुगतान किए जाने की जानकारी दी थी।
दोषी
कोर्ट ने अधिकारियों को माना अवमानना का दोषी
जस्टिस बट्टू देवानंद ने अधिकारियों के जवाबों को देखने के बाद उन्हें अवमानना को दोषी माना है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने पीड़िता को मुआवजा नहीं दिया। इससे उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इसके लिए प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन किसी आदेश की पूर्ति के लिए तीन साल का समय लेना अधिकारियों की कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।
सजा
कोर्ट ने पांचों दोषी अधिकरियों को सुनाई जेल की सजा
मामले में कोर्ट ने राजस्व के तत्कालीन प्रधान सचिव, वरिष्ठ IAS अधिकारी मनमोहन सिंह को चार सप्ताह की जेल और 1,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है।
इसी तरह वित्त के प्रमुख सचिव एसएस रावत को चार सप्ताह जेल और 2,000 जुर्माना की सजा सुनाई।
इसी तरह नेल्लोर जिला कलेक्टर रेवु मुत्याला राजू को दो सप्ताह की जेल और 1,000 रुपये जुर्माना तथा केएनवी चक्रधर और एमवी शेषगिरी पर 2,000-2,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
राहत
कोर्ट ने अधिकारियों की सजा को एक महीने के लिए किया निलंबित
कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से पीड़िता को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार को उसे एक लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना देना होगा।
इस दौरान अधिकारियों ने मामले में अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की मांग की। इसको देखते हुए कोर्ट ने उनकी सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करने पर अधिकारियों की सजा एक महीने और बढ़ जाएगी।