
बिहार: मुजफ्फरपुर की नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर फटने से 6 मजदूरों की मौत, 12 अन्य घायल
क्या है खबर?
बिहार के मुजफ्फरपुर में रविवार को बड़ा ही दर्दनाक हादसा घटित हुआ है। वहां स्थित एक नूडल्स फैक्ट्री में सुबह अचानक बॉयलर फटने से छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि करीब 12 अन्य लोग घायल हो गए।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को निकालकर घायलों को SKMCH अस्पताल में भर्ती कराया, वहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
वर्तमान में पुलिस और दमकल विभाग के कर्मचारी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
हादसा
सुबह करीब 10 बजे घटित हुआ हादसा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, बेला थाना क्षेत्र के बेला फेज-2 में संचालित नूडल्स फैक्ट्री में सुबह मजदूर काम कर रहे थे। उसी दौरान अचानक बॉयलर में धमाका हो गया।
इससे बॉयलर के पास काम कर रहे छह मजदूरों की मौत हो गई और करीब 12 अन्य लोग घायल हो गए। धमाके के बाद फैक्ट्री में आग भी लग गई थी।
सूचना पर दमकल के साथ पहुंची पुलिस ने आग बुझाने का कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
नुकसान
धमाके से पास की फैक्ट्रियों को भी हुआ बड़ा नुकसान
मुजफ्फरपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) जयंतकांत ने बताया कि बॉयलर फटने का धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी आवाज पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। इससे लोग घरों से बाहर निकल आए।
उन्होंने बताया कि धमाके के कारण कारण फैक्ट्री का बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। इससे मलबे में कई मजदूर दब गए। इसी तरह तेज धमाके के कारण आसपास की फैक्ट्रियों को भी नुकसान पहुंचा है। बगल की चूड़ा और आटा फैक्ट्री भी क्षतिग्रस्त हो गई।
जांच
हादसे के कारणों की कराई जा रही है जांच- जिला कलक्टर
जिला कलक्टर प्रणव कुमार ने बताया कि सुबह नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर फट गया। इसके बाद आग भी लगी थी। सूचना पर पहुंची दमकल की पांच गाड़ियों से आग बुझाने का काम जारी है।
उन्होंने बताया कि हादसे में छह मजदूरों की मौत हुई है और एक दर्जन से अधिक घायल हैं। सभी घायलों को बेहतर इलाज के लिए SKMCH अस्पताल पहुंचा दिया गया है। फैक्ट्री से जुड़ी जानकारी और हादसे के कारणों की जांच कराई जा रही है।
आशंका
कई शवों के मलबे में दबे होने की है आशंका
मौके पर पहुंचे मोहम्मद आबिद ने बताया कि हादसे के कारण किसी का सिर धड़ से अलग हो गया तो किसी के शरीर के कई अंग अलग हो गए। फैक्ट्री की छत गिरने के कारण अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। JCB से मलबे को हटाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हादसे के समय फैक्ट्री में 50-60 मजदूर ही काम कर रहे थे। गर्मियों में मजदूरों की संख्या 300 के करीब होती है।