ट्रेन में जा रहे कश्मीरी युवकों पर भीड़ का हमला, रास्ते में उतरकर बचाई जान
पुलावामा हमले के बाद देशभर के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीरी लोगों को निशाना बनाने के मामले सामने आ रहे हैं। अब दिल्ली से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां ट्रेन में सवार अज्ञात लोगों ने शॉल बेचने वाले दो कश्मीरी युवकों की पिटाई कर दी। हमलावरों ने युवकों को 'पत्थरबाज' बताकर उनकी पिटाई की। ये युवक सांपला जाने के लिए दिल्ली सराय रोहिल्ला से ट्रेन में बैठे थे, लेकिन जान बचाने के लिए उन्हें रास्ते में उतरना पड़ा।
क्या था पूरा मामला
रेलवे पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों कश्मीरी युवक दिल्ली से हरियाणा के सांपला जाने के लिए सवार हुए थे। इनके पास लाखों के शॉल और सूट से भरे बैग थे। सफर के दौरान अज्ञात लोगों ने इन युवकों को गाली देना शुरू कर दिया। जब कश्मीरी युवकों ने इस पर आपत्ति जताई तो लोगों ने उन्हें 'पत्थरबाज' कहते हुए उनकी पिटाई शुरू कर दी। ट्रेन में बाकी लोग भी हमलावरों के साथ शामिल होकर उनकी पिटाई करने लगे।
जान बचाने के लिए रास्ते में उतरे
भीड़ कश्मीरी युवकों की बेल्ट से पिटाई करने लगी। इस घटना में एक कश्मीरी के सिर में गंभीर चोट आई और दूसरे के चेहरे पर गहरे जख्म हुए हैं। अपनी जान बचाने के लिए दोनों युवक रोहतक उतर गए, जबकि उनका सामान ट्रेन में ही छूट गया। इसके बाद उन्होंने अपने विधायक को फोन कर घटना की जानकारी दी। विधायक ने माकपा नेता वृंदा करात से संपर्क किया। करात ने पुलिस में मामला दर्ज कराने में युवकों की मदद की।
क्या कहा गया है शिकायत में?
कश्मीरी युवकों ने शिकायत में बताया कि हमलावरों ने उन्हें कहा कि वे सेना से हैं और तुम (कश्मीरी) लोगों ने सेना के जवानों को मारा है। फिर वो गालियां देकर मारपीट करने लगे। पीड़ित युवकों ने बताया कि वे पिछले 10 सालों से इस इलाके में व्यापार करते आए हैं। इतने सालों में पहली बार उनके साथ ऐसा हादसा हुआ है। पुलिस ने बताया कि हमलावरों की पहचान की जा रही है और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान
पिछले हफ्ते पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने 100 घंटे से भी कम समय में बदला लेते हुए कश्मीर में जैश के कमांडर गाजी को ढेर कर दिया था। इसके अलावा भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान को भी कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।