#NewsBytesExclusive: दुनिया की नंबर एक अंडर-19 बैडमिंटन खिलाड़ी तसनीम से खास बातचीत
क्या है खबर?
16 साल की तसनीम मीर लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं क्योंकि उन्होंने बड़ा मुकाम हासिल किया है।
गुजरात की रहने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी तसनीम अंडर-19 वर्ग में दुनिया की नंंबर एक खिलाड़ी बनने वाली पहली भारतीय बनी हैं।
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) द्वारा जारी की गई ताजा रैंकिंग में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।
न्यूजबाइट्स ने तसनीम से उनके सफर की शुरुआत, परिवार और करियर के बारे में बातचीत की है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या-क्या बताया।
उपलब्धि
अब तक ऐसी रही हैं तसनीम की उपलब्धियां
तसनीम ने पिछले साल बेल्जियम में हुई बेल्जियन जूनियर चैंपियनशिप जीती थी। इसके अलावा उन्होंने फ्रांस में हुई फोर्जा अल्पेस इंटरनेशनल अंडर-19 भी जीती थी। उसी साल उन्होंने बुल्गारिया में भी एक चैंपियनशिप जीती थी।
2020 में वह नेपाल में हुए प्रेसीडेंट कप नेपाल जूनियर इंटरनेशनल सीरीज की भी चैंपियन रही थीं।
वह 2019 में दुबई जूनियर इंटरनेशनल सीरीज भी जीत चुकी हैं।
नेशनल लेवल पर भी तसनीम ने कई खिताब जीते हैं।
परिवार
बैडमिंटन कोच हैं तसनीम के पिता
तसनीम के पिता इरफान मीर गुजरात के मेहसाणा में पुलिस में असिस्टेंट सब-इस्पेंक्टर (ASI) के पद पर कार्यरत हैं।
उन्हें बैडमिंटन से खास लगाव है। पुलिस की नौकरी के अलावा उन्होंने बैडमिंटन से जुड़ने रहने के लिए कोचिंग की ट्रेनिंग ली थी।
वह पुलिस की नौकरी के साथ-साथ स्टेडियम में युवा खिलाड़ियों को इस खेल की बारीकियां भी सिखाते हैं और इस दौरान वह अपनी बेटी तसनीम को भी अपने साथ लेकर जाते रहते थे।
शुरुआत
पिता के साथ स्टेडियम जाने से शुरू हुआ खेल से लगाव
पिता के साथ स्टेडियम जाने के कारण तसनीम को बेहद कम उम्र में ही इस खेल से लगाव हो गया था और उन्होंने सात साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरु कर दिया था।
तसनीम ने हमें बताया, "पापा के साथ स्टेडियम जाते-जाते मैंने भी इस खेल को खेलना शुरु कर दिया था। धीरे-धीरे मुझे इस खेल से लगाव हो गया और मैंने सही तरीके से प्रैक्टिस करनी शुरु कर दी थी।"
करियर
अच्छे प्रदर्शन के बाद इसी खेल में करियर बनाने का फैसला लिया- तसनीम
पिता के साथ जाने के कारण तसनीम ने खेल की प्रैक्टिस तो शुरु कर दी थी, लेकिन उनके परिवार या उन्होंने ने अब तक फैसला नहीं लिया था कि उनका भविष्य क्या होगा।
इस बारे में तसनीम ने कहा, "जब मैंने स्टेट लेवल के टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेना शुरु कर दिया और वहां मेरा प्रदर्शन भी अच्छा होने लगा। तब मैंने और मेरे परिवार ने फैसला किया कि मुझे इसी खेल में भविष्य बनाना है।"
संघर्ष
10 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस के लिए घर से दूर रही हैं तसनीम
तसनीम केवल 10 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस के लिए अपने घर से दूर रह रही हैं और वह प्रैक्टिस के लिए कभी हैदराबाद तो कभी असम में रहती हैं।
इस बारे में उन्होंने कहा, "मैं छह सालों से घर से दूर रह रही हूं, लेकिन राहत की बात है कि मेरी मां हर जगह मेरे साथ रहती हैं। मैं जहां भी जाती हूं मेरी मम्मी मेरे साथ ही जाती हैं।"
आर्थिक समस्या
आर्थिक परेशानी के कारण खेल छुड़ाना चाहते थे पिता
तसनीम के पिता आर्थिक परेशानी के चलते अपनी बेटी को यह खेल छुड़ाना चाहते थे, लेकिन करीबियों की मदद से वह तसनीम का खेलना जारी रख सके।
इस बारे में तसनीम ने कहा, "आर्थिक परेशानी होने पर पापा के डॉक्टर दोस्तों और उनके अधिकारियों ने काफी मदद की थी। लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद मुझे स्पॉन्सर्स भी मिलने लगे और मैं इस खेल को खेलना जारी रख सकी।"
जानकारी
तसनीम के भाई भी हैं बैडमिंटन खिलाड़ी
तसनीम के भाई मोहम्मद अली मीर भी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। 12 साल के मीर अपने पिता के साथ स्टेडियम में जाते हैं और लगातार इस खेल में अच्छा मुकाम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
सबसे मुश्किल जीत
डच जूनियर ओपन में कांस्य जीतना मेरे खिताबों में सबसे अधिक कठिन- तसनीम
अंडर-13 से लेकर अंडर-19 तक लगभग 22 खिताब जीत चुकी तसनीम के हिसाब से डच जूनियर ओपन में जीता गया कांस्य पदक उनके लिए सबसे कठिन और सबसे बड़ा था।
तसनीम ने बताया, "डच में जीता गया कांस्य मेरे लिए सबसे कठिन रहा था। डच जूनियर ओपन में कांस्य जीतना मेरे लिए बड़ी बात थी। अब तक मुझे यही खिताब जीतना सबसे अधिक कठिन लगा है और मेरे लिए काफी बड़ा है।"
लक्ष्य
ताई जु यिंग के खेल को अपनाना चाहती हैं तसनीम
तसनीम किसी एक खिलाड़ी को अपना आदर्श नहीं मानती हैं, लेकिन वह कई दिग्गजों को फॉलो करती हैं और उनके खेल को करीब से देखती हैं।
उन्होंने बताया, "मैं ताई जू यिंग के खेल को काफी पसंद करती हैं और उनकी प्लेइंग स्टाइल को अपने खेल में उतारने की कोशिश करती हैं। यिंग का खेल काफी अलग है और मैं भी कुछ उसी तरीके से खेलना चाहती हूं।"
जानकारी
ताइवान की दिग्गज खिलाड़ी हैं जु यिंग
ताई जु यिंग ने टोक्यो ओलंपिक में महिला सिंगल्स में रजत पदक जीता था। इसके अलावा वह 2018 एशियन गेम्स में स्वर्ण भी जीत चुकी हैं। वह लगातार दो बार एशियन चैंपियनशिप भी जीत चुकी हैं।