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#NewsBytesExclusive: एशियाई रिकॉर्ड बनाने वाले पैरा तैराक शम्स आलम से खास बातचीत, जानिए क्या कुछ कहा
शम्स ने आइसलैंड में सम्पन्न हुई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में जीते कुल 6 पदक

#NewsBytesExclusive: एशियाई रिकॉर्ड बनाने वाले पैरा तैराक शम्स आलम से खास बातचीत, जानिए क्या कुछ कहा

Feb 10, 2025
02:38 pm

क्या है खबर?

पैरा तैराक शम्स आलम ने हाल ही में आइसलैंड में सम्पन्न हुई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में अविश्वसनीय प्रदर्शन करते हुए भारत को गौरवान्वित महसूस कराया। उन्होंने अलग-अलग तैराकी स्पर्धाओं में कुल 6 पदक (1 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य) जीते। खास बात यह रही कि उन्होंने इस बीच एक एशियाई रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। उन्होंने इस सफल अभियान के बाद न्यूजबाइट्स से खास बातचीत की। आइए उनके सफल अभियान के बारे में जानते हैं।

प्रदर्शन 

शानदार रहा आलम का प्रदर्शन  

आइसलैंड में रेक्जाविक अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में आलम ने कुल 7 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया, जिसमें से 6 पदक जीतने में सफलता हासिल की। उन्होंने 24 जनवरी को 50 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में कांस्य पदक जीता। अगले दिन उन्होंने 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में रजत और 100 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक अपने नाम किए। उन्होंने प्रतियोगिता के तीसरे दिन 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में रजत पदक, 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में स्वर्ण पदक और 200 मीटर फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीते।

रिकॉर्ड 

26 जनवरी को आलम ने स्थापित किया नया एशियाई रिकॉर्ड 

पुरुषों के 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक की SB4 श्रेणी में आलम ने 5:37.21 मिनट का समय निकालते हुए इतिहास रच दिया। दरअसल, यह इस श्रेणी में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ-साथ नया एशियाई रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। आलम फिलहाल गांधीनगर के SAI सेंटर में अपनी कोच रीना दास की देखरेख मैं तैयारियां कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आइसलैंड के हालिया प्रदर्शन के बूते वह अगले एशियाई खेलों का टिकट निश्चित तौर पर हासिल कर लेंगे।

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अगला लक्ष्य 

एशियाई खेलों में पदक जीतना है अगला बड़ा लक्ष्य- आलम 

आलम ने बताया कि वह इस साल होने वाले विश्व चैंपियनशिप और फिर 2026 में जापान में होने वाले एशियाई खेलों में सफलता हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने अपने अगले लक्ष्य को लेकर कहा, "एशियाई खेलों में पदक जीतना आसान तो नहीं होगा। आखिरी बार चीन में खेले गए एशियाई खेलों में मैं चौथे स्थान पर रह गया था। हालांकि, इस समय मैं जिस तरह से तैयारियां कर रहा हूं, ऐसे में पदक की उम्मीद तो की जा सकती है।"

पारदर्शिता 

पैरा खेलों में पारदर्शिता को लेकर क्या बोले आलम?

आलम ने पुराना किस्सा साझा करते हुए बताया कि पैरा खेलों में वर्गीकरण को लेकर पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैंने एशियाई खेलों (2023) में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में चौथा स्थान हासिल किया। चीनी तैराक यिन वेनहोंग अपने पैरों में खड़े तक हो रहे थे और मेरे वर्ग (SB4) में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने मेरे साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था। मैंने अप्रत्यक्ष तौर पर विरोध भी दर्ज कराना चाहा, लेकिन कुछ नहीं हो सका था।"

दुर्घटना 

एक गलत सर्जरी के बाद कभी अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सके आलम

आलम जन्मजात दिव्यांग नहीं थे। उन्होंने अपने अतीत के बारे में बताया, "मेरा जन्म बिहार के मधुबनी जिले के रथौस गांव में हुआ। मैं कम उम्र में ही पढ़ाई के सिलसिले में अपने भाई के पास मुंबई आ गया था। एक दिन मेरी कमर में दर्द हुआ और मुझे डॉक्टर ने सर्जरी की सलाह दी। लगभग 25 साल की उम्र में मुंबई के एक निजी अस्पताल में सर्जरी के बाद मैं फिर कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया।"

बदलाव 

कोच राजा राम जी से मिलने के बाद बदली मनोदशा

आलम ने पेशेवर तैराक बनने का श्रेय अपने कोच राजा राम को दिया। आलम ने कहा, "मैं अपने बुरे वक्त में राजा राम घाग जी से मिला, जो खुद इंग्लिश चैनल तैराक हैं। उनसे बहुत प्रेरित हुआ और मुझे जीने के लिए नया लक्ष्य मिल गया। मेरे जीवन को एक नई दिशा मिल गई। उस वक्त तक मुझे पैरा खेलों के बारे में कुछ नहीं पता था। इसके बाद मैंने कड़ी मेहनत की और तैराकी को अपनी जिंदगी बना लिया।"

उपलब्धि 

उपलब्धियों भरा रहा है आलम का तैराकी का सफर

आलम ने इंडियन ओपन पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप (2018) में 4 स्वर्ण जीते थे। उन्हें 3 दिसंबर, 2021 को भारतीय राष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने 2017 में गोवा में हुई 8 किमी ओपन सी स्विमिंग कम्पटीशन को 4 घंटे 4 मिनट में पूरा किया, जो लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। उनके नाम ओपन सी कम्पटीशन में सबसे लम्बी दूरी (13 किलोमीटर) तय करने वाले पैरा तैराक होने का विश्व रिकॉर्ड भी है।