#NewsBytesExclusive: क्या ठंड में हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है? जानिए विशेषज्ञ क्या कहते हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हृदय रोग विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण हैं और इनसे हर साल अनुमानित 17.9 लाख लोगों की जान जाती है। इनमें से एक तिहाई मौतें 70 वर्ष से कम उम्र के लोगों में होती हैं। खासकर ठंड में तो हृदय रोगियों की समस्या और बढ़ जाती है। इसकी वजह जानने के लिए न्यूजबाइट्स हिंदी ने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रजत गुप्ता से बात की। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ बताया।
ठंड का हृदय पर कैसे असर पड़ता है?
डॉ रजत ने बताया, "सर्दियों में शरीर को अपना तापमान बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, जिस कारण हृदय की बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) बढ़ जाती है। BMR बढ़ने के कारण हृदय गति भी बढ़ती है, जो कि हदय को प्रभावित करती है।" उन्होंने आगे कहा कि BMR के अलावा सर्दियों में ब्लड सर्कुलेशन करने वाली वाहिकाओं में संकुचन या शारीरिक सक्रियता में कमी भी हृदय के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
क्या बढ़ती हृदय गति हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है?
डॉ रजत का कहना है कि सर्दियों में हृदय को अंगों समेत मांसपेशियों तक ब्लड पंप करने और शरीर के तापमान को संतुलित करने के लिए तेजी से काम करना पड़ता है, जिससे हृदय गति बढ़ने लगती है। इसके कारण हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि खून के थक्के जमने के कारण भी हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आ सकता है।
कौन-से शारीरिक संकेत हृदय के लिए खतरे की घंटी हैं?
डॉ रजत का कहना है कि कई लोग सीने में दर्द होने पर घबरा जाते हैं, लेकिन यही सिर्फ हृदय के लिए खतरे की घंटी नहीं है। उन्होंने बताया, "सीने में दर्द के अलावा सांस लेने में तकलीफ, अधिक थकान, पल्स कम होना, अचानक घबराहट महसूस करना, ज्यादा पसीना आना, चक्कर और बाएं हाथ में तेज दर्द होना आदि लक्षण भी हृदय रोगों से जुड़े होते हैं। इन समस्याओं को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।"
यह कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है कि सीने का दर्द हृदय से संबंधित नहीं है?
डॉ रजत ने बताया कि अगर सीने का दर्द हृदय से जुड़ा है तो यह अमूमन शारीरिक गतिविधियां करने से बढ़ता है। यह एक ऐसा तरीका है, जिससे हार्ट अटैक के खतरे का भी पता चल सकता है। डॉ रजत का यह भी कहना है कि सीने में दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि वह कुछ शारीरिक जांच के बाद आपको इसका असल कारण बता सकते हैं।
ठंड के मौसम में हृदय रोगियों के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
डॉ रजत ने कहा कि सर्दियों में हृदय रोगी अनावश्यक घर से बाहर जाने से बचें और खुद को गर्म कपड़ों से ढककर रखें। इसके अलावा शारीरिक सक्रियता जरूरी है क्योंकि इससे पूरे शरीर में खून पंप करने की हृदय की क्षमता में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि अपने खान-पान पर अतिरिक्त ध्यान दें। साथ ही अगर असंतुलित ब्लड प्रेशर या ब्लड शुगर की समस्या है तो समय से इनकी दवाएं लेते रहें और स्वास्थ्य जांच करवाते रहें।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खान-पान कैसा होना चाहिए?
डॉ रजत ने बताया, "अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड, मीठा, एनर्जी ड्रिंक्स, अधिक वसा युक्त दुग्ध उत्पादों का सेवन करना बंद कर दें। इसके अलावा शराब और धूम्रपान से भी दूरी बनाएं।" उन्होंने यह भी कहा कि डाइट में ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, मोनोसैच्युरेटेड फैट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना फायदेमंद है। डॉ रजत ने कहा कि 1-2 बारी में अधिक खाने से अच्छा पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके 6 से 7 बार खाएं।
स्वस्थ हृदय के लिए किस समय और कौन-कौन-सी एक्सरसाइज फायदेमंद हैं?
डॉ रजत ने बताया कि हृदय के लिए एरोबिक्स एक्सरसाइज फायदेमंद हैं। इसके लिए अपनी दिनचर्या में तेज चलना, दौड़ना, स्विमिंग, साइकिलिंग और बाहरी खेलों को शामिल करें। उन्होंन कहा कि हदय रोगियों के लिए ब्रिस्क वॉक करना भी लाभदायक है और बुजुर्गों के लिए योग का अभ्यास करना काफी अच्छा है। डॉ रजत का कहना है कि हफ्ते में 5 दिन एक्सरसाइज करनी चाहिए और ठंड में सुबह और शाम की जगह बीच के समय में एक्सरसाइज करें।
हृदय की स्थिति का पता लगाने के लिए कौन-से टेस्ट करवाते रहने चाहिए?
डॉ रजत का कहना है कि हर किसी को 30 साल की उम्र के बाद से हृदय से जुड़े टेस्ट नियमित रूप से कराने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्ति को समय-समय पर ECG यानी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इसी तरह हृदय की स्थिति का पता लगाने के लिए ECO यानी इकोकार्डियोग्राम टेस्ट या CTMT यानी कार्डियक ट्रेडमिल टेस्ट भी करवाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त असंतुलित कोलेस्ट्रॉल के लिए ब्लड टेस्ट भी करवाया जा सकता है।
कार्डियोलॉजी में DM हैं डॉ रजत
डॉ रजत गुप्ता वर्तमान में राजस्थान की राजधानी जयपुर के कृष्णा हार्ट एंड जनरल हॉस्पिटल में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत है। उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कार्डियोलॉजी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (DM) किया हुआ है और वह हृदय स्वास्थ्य से जुड़े कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए अब तक कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।