#NewsBytesExplainer: शूटिंग के बाद कहां जाते हैं फिल्मों में पहने गए सितारों के कपड़े?
बॉलीवुड में पिछले कुछ समय में भारी-भरकम बजट वाली कई फिल्में आ चुकी हैं। बजट के मुताबिक उनमें काम कर रहे कलाकारों के कपड़े डिजाइन किए जाते हैं। बड़ी फिल्मों में हीरो-हीरोइन के कपड़ों की कीमत लाखों से करोड़ों रुपये तक पहुंच जाती है। निर्माता-निर्देशक भी सितारों की कॉस्ट्यूम पर अपनी जेब ढीली करने से गुरेज नहीं करते, लेकिन कभी सोचा कि इन महंगे कपड़ों का शूटिंग पूरी होने के बाद क्या होता है? आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
कपड़ों का खर्च उठाता कौन है?
निर्माता फिल्म बनने में होने वाले सभी खर्चों को वहन करता है। एक निर्माता जो फिल्म बनाने में रकम लगाता है, उसे फिल्म का बजट कहा जाता है। इसमें अभिनेताओं को दिया जाने वाले शुल्क से लेकर, तकनीशियनों, क्रू के सदस्यों के आने-जाने, खाने, रहने और कलाकारों द्वारा पहने गए कपड़ों का खर्च भी शामिल होता है। इससे स्पष्ट है कि फिल्म में इस्तेमाल किए गए सभी कपड़ों का खर्च उस फिल्म का निर्माता ही वहन करता है।
'मुगल-ए-आजम' के फैशन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ बॉलीवुड
शुरुआत करते हैं फिल्म 'मुगल-ए-आजम' से, जिसने बॉलीवुड के फैशन को खासा प्रभावित किया था। इस फिल्म का गाना 'प्यार किया तो डरना क्या' में 10 लाख रुपये लगे। गाने में दिलीप कुमार ने असली सोने के जूते पहने थे। इस फिल्म में मधुबाला ने एक से बढ़कर एक चमकदार स्टोन और क्रिस्टल से डिजाइन की हुई लहंगा-चोली पहनी, जिन पर निर्माता ने जमकर पैसा बहाया। उन्हें सहेजकर रखा गया और फिर जरूरत के हिसाब से उनमें बदलाव हुआ।
पेटी में बंद करके रख दिए जाते हैं कपड़े
फिल्मों के कपड़ों को अलग-अलग पेटी में बंद कर उन पर पर्ची लगा दी जाती है, जिससे पता चलता है कि किस फिल्म में किस लीड स्टार या सहायक कलाकार ने वो कपड़े पहने थे। जब कभी उसी तरह के कपड़ों की जरूरत पड़ती है तो उन्हें दोबारा अदल-बदल कर इस्तेमाल कर लिया जाता है ताकि दर्शकों को पता भी न चले और बड़ा खर्च भी बच जाए। यशराज फिल्म्स की स्टाइलिश रहीं आयशा खन्ना ने यह खुलासा किया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
ऐश्वर्या राय ने 'बंटी और बबली' के गाने 'कंजरा रे' वाले आइटम सॉन्ग में जो चोली पहनी थी, उसे 2010 में आई फिल्म 'बैंड बाजा बारात' में एक बैकग्राउंड डांसर को पहनाया गया था। हालांकि, उनमें इतना बदलाव किया गया पहचानना मुश्किल था।
अपने घर ले जाते हैं सितारे
कई बार कलाकार अपने कुछ खास पसंदीदा कपड़ों को डिजाइनर और निर्माता की अनुमति लेकर अपने साथ ले जाते हैं। हालांकि, वे इन्हें सिर्फ एक याद के तौर पर अपने पास रख लेते हैं, दोबारा पहन नहीं सकते। फिल्म 'कमबख्त इश्क' के एक गाने में करीना कपूर ने काले रंग की ड्रेस पहनी थी, जिसकी कीमत 8 लाख रुपये थी। फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने वो ड्रैस करीना को तोहफे में दे दी थी।
बोली भी लगती है
सितारों के कपड़ों की नीलामी भी की जाती है। हीरो या हीरोइन के पहने हुए कपड़ों को लोग पसंद करते हैं तो वो उन्हें अच्छे दाम में खरीद भी लेते हैं। फिल्म 'रोबोट' में ऐश्वर्या के कुछ कीमती कपडृे नीलाम किए गए थे और इससे मिले पैसों को दान के लिए दिया गया था। सलमान खान के एक फैन ने उनका तौलिया डेढ़ लाख रुपये में खरीदा था। सलमान ने वो तौलिया फिल्म 'मुझसे शादी करोगी' में इस्तेमाल किया था।
माधुरी के लहंगे की हुई थी नीलामी
भारत में हर तरह की फिल्में बनती हैं, जिनमें ऐतिहासिक फिल्में भी शामिल हैं। इसमें 'देवदास', 'जोधा अकबर', 'पद्मावत', 'RRR' और 'पोन्नियिन सेल्वन' का नाम आता है। ऐसी ऐतिहासिक फिल्मों में पहने गए कपड़ों की अक्सर नीलामी कर दी जाती है, जो कि करोड़ों रुपये में होती है। 'देवदास' में माधुरी दीक्षित का 'हम पे ये किसने हरा रंग डाला' गाने में पहना गया कॉस्ट्यूम नीलाम हुआ था। उनका वो लहंगा 2 से 3 करोड़ रुपये में बेचा गया था।
डिजाइनर ले लेते हैं वापस
कई बार डिजाइनर फिल्म में इस्तेमाल हुए अपने कपड़ों को वापस ले लेते हैं। इससे इन डिजाइनरों के कपड़ों का विज्ञापन हो जाता है और फिर बाद में उन्हें बाजार में बेच दिया जाता है। मनीष मल्होत्रा, अंजू मोदी और ऋतू बैरी ज्यादातर फिल्मों के लिए अपने डिजाइन किए कपड़े वापस ले लेते हैं। बॉम्बे वेलवेट' में अनुष्का शर्मा ने 35 किलो वजनी एक खूबसूरत गाउन पहना था, जिसके डिजाइनर ने उसे वापस अपने पास ले लिया था।
सप्लायर को भी लौटा दिए जाते हैं कपड़े
कुछ निर्माता किसी कपड़े के सप्लायर से कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लेते हैं, जिसके बाद वे हर मौके के हिसाब से कपड़े मंगवाते हैं और उन्हें इस्तेमाल करने के बाद कपड़ों को वापस भिजवा दिया जाता है, जिससे उन्हें कम कीमत चुकानी पड़ती है।