#NewsBytesExplainer: सितारों की तस्वीरें लेने वाले पैपराजी कैसे करते हैं काम, कैसे होती है कमाई?
आजकल सितारों के जिम जाते, पार्टी करते, एयरपोर्ट से निकलते हुए वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर आम हैं। बीते दिनों एक कार्यक्रम के लिए मुंबई पहुंचे दुनिया भर के सितारों के वीडियो में पैपराजी तरह-तरह की बातें करते सुने गए, जिसके लिए वे काफी ट्रोल भी हुए। क्या आप जानते हैं कि पैपराजी कैसे काम करते हैं? जिम हो या एयरपोर्ट, इन्हें सितारों की लोकेशन कैसे पता चलती है? आइए, पैपराजियों के काम को विस्तार से समझते हैं।
क्या है पैपराजी?
पैपराजी (Paparazzi) उन फोटोग्राफरों को कहते हैं जो दौड़-भाग करके हस्तियों की तस्वीरें लेते हैं। पैपराजी एक इतालवी शब्द है। यह 1960 में एक फोटोग्राफर के जीवन पर आई फिल्म की वजह से प्रसिद्ध हुआ। फिल्म में फोटोग्राफर का नाम कोरिओलानो पापारात्सो है।
सेलिब्रिटी पैपराजी की होती है टीम
पैपराजी के तौर पर अपना काम शुरु करने वाले कुछ लोग आज के समय में बड़े नाम बन चुके हैं। ज्यादा से ज्यादा सितारों की तस्वीरें सुनिश्चित करने के लिए इन सेलिब्रिटी पपराजियों ने अपनी एक टीम नियुक्त की है। सड़कों पर, एयरपोर्ट पर खड़े रहने वाले पैपराजी इन सेलिब्रिटी पपराजियों के लिए ही काम करते हैं। इसके बदले में उन्हें सेलिब्रिटी पपराजियों से पैसे मिलते हैं। सेलिब्रिटी पपराजियों में विरल भयानी, मानव मंगलानी, योगेन शाह जैसे नाम प्रमुख हैं।
कौन कर सकता है पैपराजी का काम?
पैपराजी बनने के लिए किसी की शैक्षणिक योग्यता मायने नहीं रखती है। उसे कैमरे की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। स्मार्टफोन के दौर में उसकी जरूरत भी कम ही है। एक इंटरव्यू में योगेन ने बताया था कि पैपराजी के काम के लिए उनके पास आने वाले व्यक्ति के पास दोपहिया वाहन होना चाहिए। अच्छी मेमोरी और कैमरे वाला एक स्मार्टफोन होना चाहिए। सोशल मीडिया के दौर में सबसे जरूरी चीज है मोबाइल फोन में अच्छा नेटवर्क।
किसके लिए तस्वीरें लेते हैं पैपराजी?
एक दौर था जब पपराजियों की तस्वीरें सिर्फ प्रिंट मीडिया के लिए खरीदी जाती थीं। डिजिटल मीडिया के विकास के साथ ही इनका बाजार काफी बढ़ गया है। साथ ही इन दिनों स्टार्स, स्टारकिड और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के साथ 'स्पॉट' होने वाली हस्तियों की संख्या भी बढ़ी है। कुछ पैपराजी केवल एक ही संस्था के साथ तनख्वाह पर काम करते हैं, वहीं कई पैपराजी अपनी तस्वीरों और वीडियो को अलग-अलग मीडिया हाउस को बेचते हैं।
एक्सक्लूसिव तस्वीरों के लिए होता है मोलभाव
कई बार पपराजियों को सितारों की खास तस्वीर मिल जाती है। हर मीडिया हाउस चाहता है कि वह उसे सबसे पहले जारी करे। इन 'एक्स्क्लुसिव' तस्वीरों के लिए पैपराजी अलग-अलग मीडिया हाउस के साथ मोलभाव करते हैं। अंत में जो सबसे ज्यादा पैसे देने के लिए राजी होता है, उसे वह तस्वीर बेच दी जाती है। अन्य सामान्य तस्वीरें वे अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड करते रहते हैं। ऐसे में उनकी सोशल मीडिया से भी कमाई होती है।
नहीं है मुनाफे का कोई तय सूत्र
इन तस्वीरों से पैपराजी कितना कमाते हैं, इस पर किसी भी पैपराजी ने कभी खुलकर बात नहीं की। हालांकि, मुनाफा और नुकसान के बारे में कई पैपराजी बात कर चुके होते हैं। इनकी कमाई का कोई तय सूत्र नहीं है। यह तस्वीरों की खासियत और मोलभाव पर निर्भर करता है। कई बार धक्का-मुक्की में, बारिश में पपराजियों के महंगे कैमरों को नुकसान पहुंच जाता है। ऐसे में मुनाफे की कोई गारंटी होना मुश्किल है।
कैसे पता चलती है सितारों की जगह?
यह एक मुश्किल काम है। सितारों की एक-एक तस्वीर के लिए पैपराजी घंटों इंतजार करते हैं। इसके बाद भी यह सुनिश्चित नहीं होता कि उन्हें कोई स्टार मिलेगा। अनुभव के आधार पर उन्हें खास कैफे, जिम या क्लब पता होते हैं, जहां उन्हें सितारे मिल जाते हैं। इसके अलावा इन पपराजियों को सितारों की गाड़ी नंबर तक याद रहता है। अगर उन्हें कहीं किसी सेलिब्रिटी की गाड़ी खड़ी दिख जाती है तो वहां उनका इंतजार करने लगते हैं।
ऐसे लोकप्रिय हुआ 'एयरपोर्ट लुक'
पपराजियों के कारण 'एयरपोर्ट लुक' एक नया ट्रेंड बन गया है। एयरपोर्ट एक ऐसी जगह है जहां सितारों के मिलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसके अलावा किसी और जगह पर सितारे तुरंत अपनी गाड़ी में बैठ जाते हैं और तस्वीरें ठीक से नहीं मिल पातीं। एयरपोर्ट पर पपराजियों के पास इतना समय होता है कि वे सितारों की फुल लेंथ तस्वीरें ले सकें, जिससे मीडिया हाउस उनके स्टाइल या लुक पर बारीकी से खबर लिख सकें।
क्या सितारों के प्रति संवेदनशील नहीं होते पैपराजी?
फिल्म 'संजू' से रणबीर कपूर के लुक की पहली तस्वीरें लेने वाले पैपराजी अजय सुर्वे ने एक बातचीत में कहा था कि तस्वीरें लेते वक्त वे संवेदनशीलता रखते हैं। कई बार सितारे तस्वीर नहीं खिंचवाना चाहते हैं, तो उनकी तस्वीर नहीं लेते हैं। अजय के अनुसार, अगर भावनाओं के कारण वह कोई तस्वीर छोड़ दें, तो आगे कोई और उनकी तस्वीर लेने के लिए खड़ा है। ऐसे में उनके बॉस उनके काम पर सवाल करने लगेंगे।
सितारों की जिंदगी में तांक-झांक पर क्या कहता है कानून?
पपराजियों पर अकसर सितारों की निजता भंग करने का आरोप लगता है। पपराजियों के काम को लेकर हमारे देश में कोई विशेष कानून नहीं है। IPC की धारा 354D के तहत स्टॉकिंग (किसी का पीछा करना) के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन में भी सितारों की निजता और सम्मान का ख्याल रखने का निर्देश है। आर्टिकल 21 द्वारा दिए गए जीवन के अधिकार के तहत निजता का अधिकार भी शामिल है।