आतंकवाद पर बनीं अन्य फिल्मों से अलग है '72 हूरें', निर्देशक ने बताईं ये बातें
क्या है खबर?
फिल्म '72 हूरें' कई दिनों से चर्चा में है। फिल्म 7 जुलाई को बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही इस पर विवाद छिड़ा हुआ था। फिल्म के निर्माताओं पर एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप लग रहे हैं।
विवादित फिल्म 'द केरल स्टोरी' की वजह से भी लोगों के जहन में विवाद ताजा है।
अब निर्देशक संजय पूरन सिंह ने विवादों पर अपनी बात कही है।
आतंकवाद
इस सोच पर आधारित है फिल्म
दैनिक भास्कर से बातचीत में संजय ने फिल्म पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन उनकी फिल्म थोड़ी अलग है। आतंकवादी कैसे बनाए जाते हैं, इसके पीछे मानसिकता क्या होती है, फिल्म इस पर आधारित है।
उन्होंने कहा, "लोगों को ऐसी क्या घुट्टी पिलाई जाती है कि वो अपने शरीर में बम बांधकर आत्मघाती बन जाते हैं। फिल्म इस सोच पर आधारित है।"
विरोध
आतंकवाद से किसे सहानुभूति हो सकती है?
रिलीज के बाद फिल्म के विरोध की संभावनाओं पर भी संजय ने बात की।
उन्होंने कहा कि इस पर संभावनाएं जताई जा रही हैं, लेकिन हो सकता है कि फिल्म देखने के बाद लोग इसे पसंद करें। आतंकवाद से किसे सहानुभूति हो सकती है?
उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद को बहुत करीब से देखा है। अगर एक फिल्म ने इसके पीछे की थ्योरी को निकाला है, तो सभी को गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए।
72 हूरें
इसलिए पड़ा यह नाम
संजय का कहना है कि आतंकी सरगना लोगों को 72 हूरों के नाम पर बरगलाते हैं। यह अवधारणा कहां से आई, यह सवाल नहीं है, सवाल यह है कि इसका सहारा लेकर आतंकवाद फैलाया जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि जब आतंकवादी पकड़े जाते हैं और उनका पॉलीग्राफी टेस्ट होता है तो वे मानते हैं कि उनके आकाओं ने 72 हूरों का लालच देकर उन्हें हथियार उठाने के लिए मजबूर किया।
फिल्म
सोशल मीडिया पर बंटे लोग
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संजय पूरन सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म का लोगों को सिनेमाघरों में आने का इंतजार है।
'72 हूरें' में दिखाया जाएगा कि कैसे आतंकवादी अपनी आतंकी योजनाओं में महिलाओं का इस्तेमाल करके आतंकवाद फैलाते हैं।
इस्लामिक आतंकवाद पर आधारित होने के कारण सोशल मीडिया पर दर्शक फिल्म को लेकर दो गुटों में बंट गए हैं।
फिल्म में पवन मल्होत्रा और आमिर बख्शी अहम भूमिका में नजर आएंगे।