किशोर कुमार हिंदू थे, मधुबाला से शादी करने के लिए नहीं बदला धर्म- मधुबाला की बहन
भारतीय गायक किशोर कुमार और अभिनेत्री मधुबाला की प्रेम कहानी काफी चर्चित रही है। किशोर ने चार शादियां की थीं और उनकी दूसरी शादी मधुबाला से हुई थी। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि किशोर मधुबाला के प्यार में इस कदर पागल थे कि उन्होंने अभिनेत्री से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म कुबूल कर लिया था। अब दिवंगत मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने इन खबरों को अफवाह बताया है।
"किशोर हिंदू थे और हिंदू के रूप में ही उनका निधन हुआ"
मधुबाला की बहन मधुर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि किशोर हिंदू थे और उन्होंने कभी मधुबाला से शादी करने के लिए अपना धर्म नहीं बदला। उन्होंने कहा, "बहुत से लोग कहते हैं कि किशोर ने मधुबाला से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था, लेकिन यह सच नहीं है। वह हिंदू थे और हिंदू के रूप में ही उनका निधन हुआ। हमारे परिवार में जिनकी भी शादी हुई, उनके पतियों ने कभी धर्म नहीं बदला।"
मधुबाला ने 1960 में किशोर से की थी शादी
मधुबाला ने 1960 में किशोर से शादी की थी। वह एक मुस्लिम परिवार से थीं और उनका असली नाम मुमताज जहान बेगम दहलवी था। ऐसी चर्चा चली थी कि मधुबाला से शादी रचाने के लिए किशोर ने इस्लाम कुबूल किया और अपना नाम अब्दुल करीम रख लिया था। खैर अब इन अफवाहों पर मधुबाला की बहन मधुर ने विराम लगा दिया है। 23 फरवरी, 1969 को हार्ट अटैक के कारण 36 साल की उम्र में मधुबाला का निधन हो गया।
हिंदू पंजाबी परिवार में हुई थी मधुर की शादी
मधुबाला की बहन मधुर की शादी एक हिंदू पंजाबी परिवार में हुई थी। उनकी दूसरी बहन चंचल ने भी एक पंजाबी से शादी की थी। उनकी दो बहनों अल्ताफ और कनीज ने पारसियों से शादी रचाई थी।
किशोर कुमार की बाकी तीन शादियां किनसे हुई थी?
किशोर की पहली शादी 1950 में सत्यजीत रे की भांजी रूमा गुहा ठाकुरता से हुई थी। इन्हीं से 1952 में उनके बेटे अमित कुमार का जन्म हुआ। यह शादी आठ सालों तक चली और 1958 में उनका तलाक हो गया। दूसरी पत्नी मधुबाला की मौत के सात साल बाद किशोर ने तीसरी शादी 1976 में योगिता बाली से की। दो सालों बाद उनका फिर योगिता से तलाक हो गया। 1980 में किशोर ने चौथी शादी लीना चंदवाडकर से की थी।
शानदार रहा किशोर का फिल्मी करियर
दिवंगत किशोर हिंदी फिल्मों के महान गायक, अभिनेता, निर्माता और पटकथा लेखक के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने हिंदी सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं में गाने गाए। किशोर के करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में 1946 में आई फिल्म 'शिकारी' से हुई थी। वर्ष 1948 में रिलीज हुई फिल्म 'जिद्दी' में किशोर को पहली बार गाने का मौका मिला था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई हिट गाने गाए।
न्यूजबाइट्स प्लस
मधुबाला ने 1942 में फिल्म 'बसंत' से बाल कलाकार के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। उन्हें असल पहचान ऐतिहासिक फिल्म 'मुगल-ए-आजम' से मिली। इसके अलावा उन्होंने 'चलती का नाम गाड़ी', 'हावड़ा ब्रिज', 'काला पानी' और 'बरसात की रात' जैसी फिल्मों में काम किया।