अनुपम खेर की 'खोसला का घोसला' की रीमेक पर कई क्षेत्रीय भाषाओं में हो रहा काम
अनुपम खेर और बोमन ईरानी की फिल्म 'खोसला का घोसला' 2006 में आई थी। यह आज भी बॉलीवुड की शानदार फिल्मों में गिनी जाती है। फिल्म एक रिटायर्ड मध्यमवर्गीय व्यक्ति के अपनी जमीन वापस पाने की संघर्ष की कहानी थी। यह फिल्म एक बार फिर से खबरों में है। खबर है कि फिल्म का कई क्षेत्रीय भाषाओं में रीमेक बनने जा रहा है। इससे नए क्षेत्र और नई पीढ़ी के लोग भी इस कहानी से जुड़ सकेंगे।
मराठी, तेलुगु और कन्नड़ में बनेगी 'खोसला का घोसला'
वैरायटी की खबर के अनुसार, निर्माता सविता राज इस फिल्म को कई क्षेत्रीय भाषाओं में बनाने जा रही हैं। 'खोसला का घोसला' की रीमेक मराठी, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओं में बन रही है। बूसान इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बात की घोषणा की गई। कन्नड़ में आदर्श ईश्वरप्पा, तेलुगु में विनोद अनंतोजू और मराठी में केदार शिंदे इस फिल्म का निर्देशन करेंगे। तीनों अपनी-अपनी भाषाओं में कई बेहतरीन फिल्में बना चुके हैं।
संपत्ति में धोखाधड़ी पर आधारित थी फिल्म
2006 में आई इस फिल्म का निर्देशन दिबाकर बनर्जी ने किया था। इसे जयदीप साहनी ने लिखा था। फिल्म में अनुपम खेर और बमन ईरानी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। उनके साथ फिल्म में राजेश शर्मा, रणवीर शौरी, किरण जुनेजा जैसे कलाकार भी शामिल थे। फिल्म दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय बुजुर्ग की कहानी थी। वह अपने दोस्तों और बेटों के साथ प्रॉपर्टी डीलर से अपनी जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष करता है।
देशभर के दर्शकों को पसंद आएगी फिल्म- सविता
सविता ने अपने बयान में कहा, "अधिकांश भारतीयों के लिए जिंदगी में एक बार अपना घर बनाना एक सपना होता है। इस फिल्म से देशभर के दर्शक जुड़ेंगे, क्योंकि संपत्ति में धोखाधड़ी हर जगह मौजूद है। ऐसे में फिल्म का रीमेक बनाना एक उचित निर्णय है। इससे इस मुद्दे को दिखाया जाएगा, लोगों का मनोरंजन किया जाएगा और रचनात्मक अभिव्यक्ति को आर्थिक रूप दिया जाएगा।" तीनों निर्देशकों ने भी फिल्म को लेकर अपना उत्साह जाहिर किया।
इस वजह से निर्माताओं की फिल्म में दिलचस्पी
सविता ने बताया कि क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्म के रीमेक के लिए उनसे कई निर्माताओं ने संपर्क किया था। इससे साफ है कि फिल्म का आज भी आर्थिक महत्व है। उन्होंने कहा, "कई क्षेत्रीय निर्माताओं ने हमसे संपर्क किया था। उनसे बात करने के बाद हमें समझ आया कि उन्हें लगता है कि फिल्म का काफी आर्थिक मूल्य है, क्योंकि अब सिनेमा जगत में अच्छा कंटेंट ट्रेंड में है। दर्शक भी एक्शन फिल्मों से विराम चाहते हैं।"