
'तरला': हुमा कुरैशी बोलीं- हम इस देश की महिलाओं के अकेलेपन पर बात नहीं करते
क्या है खबर?
हुमा कुरैशी इन दिनों अपनी फिल्म 'तरला' के लिए चर्चा में हैं। इस फिल्म में उन्होंने लोकप्रिय शेफ तरला दलाल की भूमिका निभाई है। यह उनकी बायोपिक है।
फिल्म 7 जुलाई को ZEE5 पर स्ट्रीम हुई है।
तरला के किरदार के जरिए हुमा ने एक ऐसी गृहणी की भूमिका निभाई है, जो घर के कामकाज के बीच अपने वजूद को ढूंढ रही है।
अब एक बातचीत में उन्होंने गृहणियों के अकेलेपन पर बात की है।
बयान
महिलाओं का खालीपन वास्तविक है- हुमा
DNA इंडिया से हुमा ने अपनी इस फिल्म पर बात की।
फिल्म में एक दृश्य में वह खिड़की के बाहर देखते हुए जिंदगी के खालीपन पर बात करती हैं। इस दृश्य को शूट करते हुए उन्हें अपनी मां, अपनी मासी और कई अन्य महिलाओं की याद आई।
हुमा ने कहा, "हमने उन सबसे कभी न कभी सुना है कि सब व्यस्त हो गए हैं, हम तो घर पर रहते हैं। मुझे लगता है कि यह खालीपन वास्तविक है।"
राय
मैंने यह फिल्म अपनी मां के लिए की- हुमा
हुमा का मानना है कि इस खालीपन पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है।
उन्होंने कहा, "हम इस देश की महिलाओं के अकेलेपन पर बात नहीं करते, जो वे पति और बच्चों के व्यस्त होने के कारण महसूस करती हैं। तो शायद मैंने यह फिल्म अपनी मां और उन सभी महिलाओं के लिए की है, जो इस तरह महसूस करती हैं।"
यह फिल्म महिलाओं पर कामकाज और निजी जिंदगी में सामंजस्य के दबाव को भी दिखाती है।
फिल्म
तरला की बेटी ने की हुमा की तारीफ
'तरला' का निर्देशन पीयूष गुप्ता ने किया है, जबकि इसका निर्माण रॉनी स्क्रूवाला, अश्विनी अय्यर तिवारी और नितेश तिवारी ने मिलकर किया है। हुमा इस तरह के किरदार में पहले कभी नजर नहीं आई हैं।
फिल्म में तरला के पति की भूमिका शारिब हाशमी ने निभाई है।
हुमा ने बताया कि तरला की बेटी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वह उनकी मां जैसी लग रही हैं। हुमा इसे बहुत बड़ी बात मानती हैं।
परिचय
कौन थीं तरला दलाल?
तरला एक इंडियन फूड लेखक, शेफ और कुकिंग शो की होस्ट रही हैं।
उनकी पहली किताब 'द प्लेजर ऑफ वेजिटेरियन कुकिंग' 1974 में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने 100 से अधिक किताबें लिखीं और उनकी 1 करोड़ से अधिक प्रतियां बिकी हैं।
तरला का जन्म 3 जून, 1936 को पुणे में हुआ था। 6 नवंबर, 2013 को मुंबई में उनका निधन हो गया। 80-90 के दशक में खानपान पर आधारित तरला की किताब हर गृहणी की पसंद हुआ करती थी।