ग्रैमी अवॉड्र्स 2023: रिकी केज ने फिर बढ़ाया भारत का मान, तीसरी बार बने विजेता
दुनियाभर की निगाहें संगीत की दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार समारोह ग्रैमी अवॉड्र्स पर थीं, जिसका आगाज आखिरकार हो गया है। हर साल भारत से ग्रैमी पुरस्कार के लिए संगीत जगत से जुड़ी कोई न कोई हस्ती नॉमिनेट होती है। इस बार भी भारत के लिए यह समारोह खास था, क्योंकि पुरस्कार पाने की दौड़ में तीन भारतीय शामिल थे। 5 फरवरी को ग्रैमी विजेताओं की घोषणा हुई और रिकी केज ने भारत का नाम फिर दुनियाभर में रोशन किया।
रिकी ने तीसरी बार जीता पुरस्कार
भारत से रिकी फिर विजेता बने हैं। उन्हें पहली बार 2015 में 'विंड्स ऑफ समसारा' के लिए यह सम्मान मिला था। इसके बाद 2022 में रिकी को उनके एल्बम 'डिवाइन टाइड्स' के लिए 'बेस्ट न्यू एज एल्बम' की श्रेणी में स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ ग्रैमी अवॉर्ड मिला। अब यह सिलसिला जारी रखते हुए 2023 में भी रिकी ने 'डिवाइन टाइड्स' के लिए बेस्ट इमर्सिव ऑडियो एल्बम की श्रेणी में स्टीवर्ट के साथ यह पुरस्कार अपने नाम किया है।
कौन हैं रिकी केज?
रिकी एक जाने-माने भारतीय म्यूजिक कंपोजर हैं। उनका जन्म अमेरिका में हुआ था, लेकिन जब वे आठ साल के थे तो उनका परिवार बेंगलुरु में आकर बस गया था। उनके माता-पिता भारतीय ही हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN)) हेडक्वॉर्टर सहित कई प्रतिष्ठित जगहों पर प्रस्तुति दी है। रिकी ने 30 देशों में 100 संगीत पुरस्कार जीते हैं। रिकी को उनके काम के लिए यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन आर्टिस्ट और यूथ आइकॉन ऑफ इंडिया के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है।
बियॉन्से ने जीते दो पुरस्कार
मशहूर गायिका बियॉन्से ने अपने सुपरहिट गाने 'ब्रेक माय सोल' के लिए बेस्ट डांस या इलैक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग श्रेणी में और 'प्लास्टिक ऑफ द सोफा' के लिए बेस्ट ट्रेडिशनल R&B परफॉर्मेंस की श्रेणी में ग्रैमी अवॉर्ड जीता है। इस साल सबसे ज्यादा नॉमिनेशन बियान्से को मिले थे। उन्हें नौ श्रेणियों में नॉमिनेट किया गया था। बियॉन्से अब तक सबसे ज्यादा ग्रैमी पुरस्कार पाने वाली महिला कलाकार थीं और अब यह संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जो दुनिया सबसे ज्यादा है।
अनुष्का शंकर फिर पुरस्कार पाने से चूकीं
पंडित रवि शंकर की छोटी बेटी अनुष्का शंकर ग्रैमी का अंतिम पड़ाव पार करने से फिर चूक गईं। उनके एल्बम 'बिटवीन अस' को ग्लोबल म्यूजिक एल्बम की श्रेणी में और गाने 'उधेरो ना' को बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस की श्रेणी में नॉमिनेट किया गया था, लेकिन दोनों में से किसी भी श्रेणी में उन्होंने अपनी जीत दर्ज नहीं की। इससे पहले भी सात बार अनुष्का को ग्रैमी में नॉमिनेशन मिला था, लेकिन हर बार वह रेस से बाहर हो गईं।
इन्हें मिली जीत
ग्रैमी समारोह में बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम का पुरस्कार जहां आर्टिस्ट और सॉन्ग राइटर मासा तकुमी को 'सकुरा' के लिए मिला, वहीं बेयथे के लिए बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस की श्रेणी में यह पुरस्कार वाउटर केलरमैन, जेक्स बैंटविनी और नोमसेबो जिकोड ने अपने नाम किया।
नोराह जोन्स के हाथ भी लगी निराशा
पंडित रवि शंकर की बड़ी बेटी नोराह जोन्स भी नॉमिनेशन लिस्ट में शामिल थीं। उन्हें 'आई ड्रीम ऑफ क्रिसमस' के लिए बेस्ट ट्रेडिशनल पॉप वोकल एल्बम की श्रेणी में नॉमिनेट किया गया था, लेकिन इस श्रेणी में ग्रैमी माइकल बबल को 'हायर' के लिए मिला।
संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार समारोह
ग्रैमी संगीत से जुड़ा सबसे बड़ा अवॉर्ड शो है, जिसमें दुनियाभर के दिग्गज संगीतकारों को सम्मानित किया जाता है। यह ग्रैमी का 65वां संस्कारण था, जो लॉस एंजेलिस में हुआ। इसकी मेजबानी कॉमेडियन ट्रेवोर नोआ ने की, जो पिछले दो साल से इस समारोह की मेजबानी कर रहे हैं। ग्रैमी अवॉर्ड को ग्रामोफोन अवॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है। तभी इसके पुरस्कार में ग्रामोफोन का डिजाइन बना रहता है। पहला ग्रैमी अवॉड्र्स 4 मई, 1959 को हुआ था।
न्यूजबाइट्स प्लस
ग्रैमी का भारत से गहरा नाता रहा है। भारत की ओर से अब तक यह अवॉर्ड सबसे ज्यादा बार पंडित रवि शंकर ने जीता है। वह ये अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय थे। रवि शंकर दुनिया के सबसे बेहतरीन सितार वादकों में से एक थे।