एआर रहमान के करीबी ने बताया, धर्म बदलने के बाद पूरी तरह बदल गए थे संगीतकार
संगीतकार एआर रहमान भारत के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में गिने जाते हैं। भारत ही नहीं, दुनियाभर में उनके संगीत की दीवानगी है। उनके प्रशंसक दुनियाभर में उनके कार्यक्रमों का इंतजार करते हैं। रहमान का असल नाम दिलीप कुमार था। पिता के निधन के बाद उन्होंने इस्लाम अपना लिया था। लंबे वक्त से उनके साथ काम कर रहे उनके साथी शिवमणी ने एक बातचीत में बताया है कि कैसे इस्लाम अपनाने के बाद रहमान पूरी तरह बदल गए थे।
मां के साथ एक सूफी संत के यहां सेवा करते थे रहमान
एक इंटरव्यू में शिवमणी ने बताया कि रहमान और उनकी मां एक सूफी संत के यहां सेवा करने जाते थे। एक मौलाना उन्हें कुरान पढ़ाते थे। जब वह कुरान पढ़ते थे, तब बाकी लोग स्टूडियों में उनका इंतजार करते थे। इसके बाद वह पूरी तरह से बदल गए थे। वह अपने काम पर पहले से ज्यादा केंद्रित थे। उन्होंने बताया कि वह अपने नए आध्यात्मिक रास्ते में तल्लीन थे और काफी शांत थे।
धर्म बदलने के बाद काफी केंद्रित हो गए थे रहमान
शिवमणी ने बताया, "स्टूडियो में संगीत बनाते हुए वह बात भी नहीं करते थे। आप उनसे कुछ भी चर्चा नहीं कर सकते थे, कोई मजाक नहीं कर सकते थे। वह बहुत गंभीर थे। उनमें गजब का अनुशासन आ गया था।" स्टूडियो में काम शुरू करने से पहले एक आध्यात्मिक गुरु की बातें सुनाई जाती थीं। शाम को स्टूडियो में धूप जलती थी। उनका ईश्वर से अलग सा संबंध होता था, इसके बाद काम शुरू किया जाता था।
पिता के आखिरी दिनों में कई संतों से मिले थे रहमान
रहमान अपने पुराने इंटरव्यू में कह चुके हैं कि धर्म बदलने के बाद उन्हें काफी शांति महसूस होती थी। वह यह भी बता चुके हैं कि उन्हें अपना पुराना नाम पसंद नहीं था, क्योंकि यह उनके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाता था। उनके पिता जब आखिरी दिनों में संघर्ष कर रहे थे, तब रहमान कई सूफी संतों से मिले थे। उन्होंने बताया कि नया रास्ता अपनाने के बाद उनके करियर में भी दरवाजे खुलने लगे थे।
इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हैं रहमान
रहमान ने अपने करियर की शुरुआत 1991 की फिल्म 'रोजा' में संगीत देकर की थी। इस फिल्म के संगीत को काफी सराहा गया था। 2009 की फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए उन्हें 2 ऑस्कर पुरस्कार दिए गए थे। फिल्म के संगीत के लिए रहमान को बेस्ट ऑरिजिनल स्कोर और बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर पुरस्कार मिला था। उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।