DU Admission 2019: छात्रों को मिली राहत, हाई कोर्ट ने कहा- नहीं होगा नियमों में बदलाव
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों के लिए एक खुशखबरी है। DU ने स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए नियमों को बदलने का फैसले किया था, लेकिन DU के इस फैसले को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा व तलवंत सिंह की पीठ ने ये साफ कर दिया है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में DU के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पिछले साल के पात्रता मानदंडों के आधार पर ही होगा।
अंतिम तिथि को बढ़ाने का दिया निर्देश
इतना ही नहीं पीठ ने DU को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अंतिम तिथि को 14 जून, 2019 से बढ़ाकर 22 जून, 2019 करने का निर्देश भी दिया है। पीठ ने कहा कि DU अगले शैक्षणिक सत्र में नियमों को संशोधित कर सकता है, लेकिन ये आदेश इस वर्ष से ही लागू होगा। शुक्रवार को सदस्यीय पीठ ने सुनवाई के दौरान DU के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियम में संशोधन करने का फैसला पहले लिया जा सकता था।
DU ने दी ये दलील
पीठ का कहना है कि नियमों में संशेधन करना गलत नहीं हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन से एक दिन पहले नियमों में बदलाव होने पर सवाल उठ रहे हैं। DU ने दलील देते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष कोर्स के लिए योग्यता श्रेणी में बदलाव होता है और बुलेटिन ऑफ इनफॉर्मेशन (BIS) में दिए गए मापदंड हमेशा के लिए नहीं बल्कि शैक्षणिक सत्र के लिए होते हैं। इसलिए BIS में बदलाव के लिए पहले से कोई नोटिस देना जरूरी नहीं है।
अब कटऑफ आने की तिथियों में भी होगा बदलाव
हाई कोर्ट के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को एक सप्ताह बढ़ाने के निर्देश पर DU के दाखिला समिति के पूर्व अधिकारी ने कहा कि ऐसा करने से DU की दाखिला प्रक्रिया में भी कई बदलाव हो सकते हैं। सबसे पहले DU को अपने ऑनलाइन पोर्टल में बदलाव करना होगा और छात्रों को भी ये जानकारी देनी होगी। आवेदन की अंतिम तिथि 22 जून, 2019 होने से पहली कटऑफ अब 20 जून, 2019 को नहीं आएगा। कटऑफ की तिथियों में भी बदलाव होगा।
होने थे ये बदलाव
B.Com (ऑनर्स) में बेस्ट फोर का स्कोर न्यूनतम 60% होना चाहिए था। बेस्ट फोर में अंग्रेजी/हिंदी के साथ गणिक, अकाउंटेंसी, इको, बिजनेस स्टडीज/कॉमर्स में से बेस्ट तीन विषय जोड़ने थे। इसके अलावा गणित/बिजनेस गणित में न्यूनतम 50% नंबर होने चाहिए थे। वहीं B.Com के लिए न्यूनतम 60% नंबर होने चाहिए थे। B.A ऑनर्स के लिए पात्रता को 45% से बढ़ाकर 50% से 55% कर दिया था। B.Sc गणित ऑनर्स और B.Sc स्टैटिस्टिक्स ऑनर्स के लिए 60% होना जरुरी था।