राजस्थान में पुलिसकर्मियों के बच्चों को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मिलेगा आरक्षण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने राजस्थान में पुलिसकर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब राजस्थान के सभी पुलिसकर्मियों के बच्चों को राज्य के सभी प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण मिलेगा। सेना और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की तरह ही अब राजस्थान पुलिस के कर्मचारियों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। यह आरक्षण नीति रिटायर हो चुके पुलिसकर्मियों के लिए भी लागू होगी और उनके बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
एडमिशन के लिए आरक्षण कितना मिलेगा?
राजस्थान सरकार की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार, कॉलेज शिक्षा विभाग की नई प्रवेश नीति के मुताबिक, भारतीय सेना और CAPF के जवानों और पूर्व जवानों के बच्चों के लिए दाखिले के लिए तय तीन प्रतिशत आरक्षण में अब राजस्थान के पुलिसकर्मियों और पूर्व पुलिसकर्मियों के बच्चों और पत्नी को भी शामिल कर लिया गया है। राजस्थान पुलिस के परिजनों के लिए आरक्षण की यह सुविधा अकादमिक सत्र 2022- 23 से लागू होगी।
दो साल पहले इस आरक्षण के लिए की गई थी सिफारिश
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) एम एल लाठर ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि नवंबर 2021 में सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की तरह पुलिसकर्मियों के बच्चों और पत्नी को भी राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एडमिशन के लिए आरक्षण देने की सिफारिश की गई थी। इसके लिए कॉलेज शिक्षा विभाग की प्रवेश नीति में बदलाव करने को कहा गया था।
प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा आरक्षण
राजस्थान सरकार की तरफ से तीन प्रतिशत आरक्षण प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा जिसकी सूची नीचे बताई गई है-
ऐसा कर्मचारी जिसकी सेवा के दौरान मृत्यु हो गई हो, उसके परिजनों के सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके बाद ऐसा कर्मचारी जो सेवा के दौरान दिव्यांग हो गया हो और उसके बाद उसे सेवामुक्त कर दिया गया हो।
वहीं गैलेंट्री पुरस्कार से नवाजे गए कर्मचारी के परिजनों को तीसरे और भूतपूर्व सैनिकों को चौथे स्थान पर वरीयता दी जाएगी।
छात्रों को बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार मिलेगा एडमिशन
राजस्थान में 450 से ज्यादा सरकारी कॉलेज हैं। इनमें 5,08,000 छात्रों को बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार एडमिशन दिया जाएगा। वहीं राज्य में 2,000 से ज्यादा प्राइवेट कॉलेज हैं, जिनमें 8,00,000 छात्रों को शिक्षा विभाग की एडमिशन पॉलिसी के आधार पर एडमिशन मिलेगा। बता दें कि राज्य में एडमिशन के लिए पहले यह आधार नहीं हुआ करता था और छात्रों को पर्सेंटाइल के आधार पर ही एडमिशन मिलता था।