छात्रों के लिए मल्टीटास्किंग सही नहीं, पढ़ाई पर होता है नकारात्मक असर
क्या है खबर?
वर्तमान समय में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते मल्टीटास्किंग यानि एक समय में कई काम करने की आदत छात्रों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है।
छात्र पढ़ाई में अव्वल रहने के लिए मल्टीटास्किंग करते हैं, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते।
मल्टीटास्किंग के कई नकारात्मक परिणाम है जो कम समय में नहीं दिखते, लेकिन ये आगे जाकर सफलता के रास्ते में रोड़ा बनते हैं।
आइए शिक्षा के क्षेत्र में मल्टी टास्किंग के नकारात्मक परिणामों के बारे में जानते हैं।
पढ़ने
पढ़ने की गति होगी कम
चलते-चलते पढ़ाई की वीडियो देखना, होम वर्क करते हुए टीवी देखना या फोन का इस्तेमाल करना, इन सब गतिविधियों से आपके पढ़ने की गति पर प्रभाव पड़ेगा।
एक समय पर अगर 2-3 काम करेंगे तो मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और पढ़ने की गति कम होगी।
आप किसी भी एक विषय पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे और पढ़ाई के लिए प्रेरित नहीं रह पाएंगे।
इससे बचने के लिए पढ़ाई और मनोरंजन का समय निर्धारित करें।
मानसिक
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा बुरा असर
इंसान 'मोनोटास्कर' यानी एक समय में एक ही कार्य पर ध्यान केंद्रित कर उसे पूरा कर सकता है।
खासतौर पर पढ़ाई करते समय हमारा दिमाग एक साथ कई काम नहीं कर सकता।
अगर आप एक साथ कई काम करने की कोशिश करेंगे तो शरीर के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ेगा।
ऐसे में एक समय में केवल 1 ही काम करे। परीक्षा के लिए पढ़ते समय ध्यान केंद्रित करने के लिए इन टिप्स का इस्तेमाल करें।
रचनात्मक
कम होगी रचनात्मकता
मल्टीटास्किंग के दौरान रचनात्मकता कम हो जाती है। इससे छात्रों में वो खूबियां नहीं दिखती जो असल में होनी चाहिए थी।
मस्तिष्क एक साथ कई कामों को करने के तनाव में कुछ नया और रचनात्मक नहीं कर पाता है।
अगर आप एक समय में कई विषयों का होम वर्क करेंगे तो गलतियां भी ज्यादा होंगी।
कई काम सामने होने पर किसी एक काम में ध्यान लगाने में मुश्किल होती है।
ऐसे में एक काम पर ही पूरा ध्यान लगाएं।
याददाश्त
कमजोर होगी याददाश्त
अगर आप मोबाइल चलाने के साथ पढ़ाई करेंगे तो विषय पर पूरी तरह ध्यान ही नहीं दे पाएंगे।
ऐसे में आपकी याददाश्त कमजोर होती चली जाएगी। मल्टीटास्किंग से चीजों को याद करने की क्षमता कम होती है।
इसी समस्या के चलते परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को एक दिन में 2-3 विषय ही पढ़ने की सलाह दी जाती है।
अगर एक ही दिन में 6 से 7 विषय पढ़ेंगे तो जानकारियों में भ्रमित होने की संभावना बढ़ेगी।
जानकारी
अध्ययन कार्यक्रम का पालन करने में होगी कठिनाई
मल्टीटास्किंग से अध्ययन योजना का पालन करने में कठिनाई होगी। एक साथ कई काम करने से समय पर कोई भी काम पूरा नहीं हो पाएगा। इससे निराशा होगी और समय बर्बाद होगा।ऐसे में मल्टीटास्किंग से बचें और अध्ययन योजना के हिसाब से काम करें।