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भारत की पांच जांबाज महिला IPS अधिकारी, जानिए इनका योगदान

भारत की पांच जांबाज महिला IPS अधिकारी, जानिए इनका योगदान

Feb 11, 2020
11:34 am

क्या है खबर?

भारत की प्रतिष्ठित सेवाओं में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का नाम आता है। ज्यादातर युवाओं का सपना IAS/IPS अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का होता है। आज के समय में भी कहीं न कहीं देश में लड़कियों को लड़कों से पीछे रखा जाता है। वहीं कई ऐसी महिलाएं भी हैं, जो अपने काम और योगदान से लड़कों के बराबर क्या उनसे आगे हैं। आज हम ऐसी ही पांच महिला अधिकारियों के बारे में जानेंगे।

#1

'आयरन लेडी ऑफ असम' के नाम से जानी जाती हैं संजुक्ता पराशर

2006 बैच की IPS अधिकारी संजुक्ता पराशर को 'आयरन लेडी ऑफ असम' के नाम से जानते हैं। 2008 में उन्हें सहायक कमांडेंट के रूप में तैनात किया गया था और उन्हें असम में बोडो और अवैध बांग्लादेशी आतंकवादियों के बीच संघर्ष को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जहां उन्होंने 16 आतंकवादियों को मार गिराया और 64 को गिरफ्तार किया। साथ ही उन्हें मोटर साइकिल पर हेलमेट लगाने वाले को टॉफी देने के लिए भी जाना जाता है।

#2

DIG सोनिया ने निडर होकर की कई घोटालों की जांच

सोनिया नारंग 2002 बैच की IPS अधिकारी हैं, जिन्होंने क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CID) में पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) के रूप में काम किया। सोनिया ने लोकायुक्त में भ्रष्टाचार को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके बाद इसके प्रमुख जस्टिस भास्कर राव ने इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी क्वेश्चन पेपर घोटाले की भी जांच की। ऐसा करके उन्होंने साबित कर दिखाया कि वे सही को सही और गलत को गलत साबित करने के लिए किसी से नहीं डरती।

#3

विमला मेहरा ने महिलाओं के लिए किए कई काम

विमला मेहरा दिल्ली पुलिस के लिए पहली महिला विशेष आयुक्त पुलिस (प्रशासन) हैं। उन्होंने दिल्ली की तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप काम किया है। उन्होंने जेल में महिला कैदियों की मदद करने के लिए कई बदलाव किये और विदेशी भाषा पाठ्यक्रम शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 शुरू किया। इतना ही नहीं विमला ने महिलाओं के लिए आत्म-रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया, जिससे महिलाओं को काफी मदद मिली।

#4

18 साल के करियर में 40 तबादले देख चुकी हैं रूपा

रूपा मौदगिल कर्नाटक की पहली महिला IPS अधिकारी हैं। 18 साल के करियर में 40 से ज्यादा बार उनका ट्रांसफर हुआ है। कर्नाटक के धारवाड़ जिले की पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर रहते हुए उन्होंने 2004 में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को गिरफ्तार किया था। रूपा का मानना ​​है कि सबको अपनी नौकरी के लिए सब कुछ करना चाहिए और महिलाएं क्या कर सकती हैं या क्या नहीं, ऐसी सामाजिक अपेक्षाओं को नहीं देखना चाहिए।

#5

मुनार की पहली महिला IPS अधिकारी रेमा ने बाल विवाह रोकने में की मदद

केरल के मुनार की पहली महिला IPS अधिकारी रेमा राजेश्वरी ने लगभग एक दशक तक कार्य किया है। उन्होंने अपना करियर असॉल्ट कमांडर के रूप में शुरू किया था। रेमा ने सामाजिक और सामुदायिक कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों के लिए शौचालय और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के कार्यक्रम में मदद की। उन्होंने चाइल्डलाइन के अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से 'सेव चाइल्ड ब्राइड' अभियान के जरिए सैंकड़ों बाल विवाह रोकने में मदद की।