34 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की हुई घोषणा, HRD मंत्रालय का बदला नाम
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी देकर इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है। जिसके तहत कई बदलाव किए गए हैं। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने मिलकर इसकी आधिकारिक घोषणा की है।
छात्रों को दी शुभकामनाएं
घोषणा के दौरान ब्रीफिंग कार्यक्रम में मंत्रियों के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। पोखरियाल का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करना एक बड़ी प्रक्रिया थी। साथ ही उन्होंने इस मौके पर देश के 1,000 से अधिक विश्वविद्यालयों, एक करोड़ से अधिक शिक्षकों और 33 करोड़ छात्र-छात्रों को शुभकामनाएं दी है। बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए परामर्श प्रक्रिया 26 जनवरी से 31 अक्टूबर, 2019 तक चली थी।
उच्च शिक्षा स्तर में हुए ये बदलाव
पोखरियाल ने पहले ही बताया था कि नई शिक्षा नीति (NEP) शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों को हल करेगी। इसके तहत अब छात्रों को उच्च शिक्षा में मल्टीपल-एंट्री के साथ-साथ एग्जिट का भी विकल्प मिलेगा। वहीं पाच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को MPhil करने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही मल्टीपल डिसिप्लिनरी एजुकेशन के तहत अब मेजर प्रोग्राम के अलावा माइनर प्रोग्राम भी ले सकेंगे। GDP का 6% शिक्षा में लगाने का लक्ष्य है जो अभी 4.43% है।
NETF और NRF की होगी स्थापना
उच्च शिक्षा के लिए अब एक ही नियामक रहेगा। सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के लिए शिक्षा मानक सामान्य ही रहेंगे। साथ ही शिक्षा में तकनीकी को बढ़वा दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़वा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) की स्थापना की जाएगी। वहीं जिस विश्वविद्यालय की ग्रेड अच्छी होगी, उससे ही ज्यादा संख्या में कॉलेज संबद्ध हो पाएंगे।
एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज मेन करिकुलम में होंगी शामिल
अर्ली चाइल्डहुड केयर और एजुकेशन के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा करिकुलम तैयार किया जाएगा। वहीं बुनियादी शिक्षा के लिए फाउंडेशन लिटरेसी और न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा। अब 5+3+3+4 के आधार पर पढ़ाई की रुपरेखा तैयारी की जाएगी। नई स्किल्स को सिखाना शुरु किया जाएगा। एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मेन करिकुलम में शामिल कर दिया जाएगा। साथ ही गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
बोर्ड परीक्षा को भागों में बांटा जाएगा
ऊपर बताए गए बदलावों के अलावा 6वीं क्लास के बाद ही वोकेशनल कोर्सेस जोड़े जाएंगे। स्कूल, शिक्षक और एडल्ट एजुकेशन को जोड़कर नया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा को भागों में बाटा जाएगा और रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स जोड़ी जाएंगी। स्कूली शिक्षा खत्म होने के बाद सभी बच्चों के पास लाइफ स्किल्स होंगी। इतना ही नहीं, साल 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
सन 1986 में बनाई गई थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सन 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी। इसके बाद सन 1992 में इसमें संशोधन किया गया। फिर सरकार ने दो कमेटियां बनाईं और सन 2016 में टीएसआर सुब्रमण्यम कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसके बाद डॉक्टर के कस्तूरीरंगन कमेटी की रिपोर्ट 31 मई, 2019 को सरकार को सौंपी गई। अब आखिरकार नई शिक्षा नीति की घोषणा कर दी गई है, जो शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जरूरी है।