ये हैं वे पांच लोकप्रिय IAS अधिकारी जिन्होंने चुना राजनीति का रास्ता, जानें
क्या है खबर?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की सबसे प्रतिष्ठित और अधिक मांग वाली सिविल सेवा है।
एक IAS अधिकारी बनना कई युवाओं के लिए एक सपना होता है और वे एक IAS अधिकारी बनने के लिए काफी तैयारी भी करते हैं।
हालांकि, कुछ IAS अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने राजनीति से जुड़ने और लोगों की सेवा करने के लिए IAS पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस लेख में हम आपको ऐसे ही पांच IAS अधिकारी के बारे में बताएंगे।
#1
यशवंत सिन्हा भी थे एक IAS अधिकारी
कुशल राजनेता यशवंत सिन्हा 1960 बैच के IAS अधिकारी थे।
सिन्हा ने 1984 में भूतपूर्व जनता पार्टी में शामिल होने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
वे 1989 में जनता दल में शामिल हो गए और 1990-91 में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।
1996 में भाजपा में शामिल होने के बाद, उन्हें वित्त मंत्री (1998) और बाद में विदेश मंत्री (2002) के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, 2018 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी।
#2
केजे अल्फोंस थे 1979 बैच के IAS अधिकारी
केरल के कोट्टायम जिले के रहने वाले केजे अल्फोंस 1979 बैच के IAS अधिकारी थे, जिन्होंने 2006 में राजनीति में आने के लिए इस्तीफा दे दिया था।
LDF समर्थित निर्दलीय के रूप में, वह 2006 में केरल के कंजीरापल्ली से विधायक बने।
इसके बाद में वह सन 2011 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
अल्फोंस वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य होने के साथ-साथ राज्य पर्यटन मंत्री और इलैक्ट्रॉनिक्स एंड सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री हैं।
#3
अजीत जोगी भी थे IAS अधिकारी
1968 बैच के IAS अधिकारी अजीत जोगी सन 2000 में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने थे।
उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए IAS के पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद वे पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहें और कई बार संसद सदस्य के रूप में भी कार्य किया।
हालांकि, उन्होंने सन 2016 में कांग्रेस छोड़ दी और बाद में अपनी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी बनाई थी।
#4
जया प्रकाश नारायण थे 1980 बैच की IAS अधिकारी
आंध्र प्रदेश में जन्में जय प्रकाश नारायण सबसे लोकप्रिय IAS अधिकारी और राजनीतिज्ञ हैं।
1980 बैच के IAS अधिकारी ने सन 1996 में 16 साल की सेवा के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
बाद में उन्होंने लोगों को उनके मतदान के अधिकार और सरकार की जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक गैर सरकारी संगठन लोक सत्त आंदोलन शुरू किया।
उन्होंने सन 2006 में लोक सत्ता पार्टी की स्थापना की थी।
जानकारी
शाह फैसल ने भी चुना राजनीति का रास्ता
2010 बैच के IAS अधिकारी शाह फैसल ने हाल ही में जनवरी, 2019 में इस्तीफा दिया है। वह UPSC सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी थे। उन्होंने कश्मीर में 'नायाब हत्याओं' का विरोध करने के लिए IAS छोड़ दिया।