JEE मेन और JEE एडवांस्ड के बीच क्या अंतर है? यहां समझिए
भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए हर साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE मेन और JEE एडवांस्ड) का आयोजन होता है। बड़ी संख्या में छात्र इन परीक्षाओं में भाग लेते हैं, लेकिन कई अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं के बीच भ्रमित हो जाते हैं। ये दोनों ही परीक्षाएं इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए हैं, लेकिन इनमें कुछ बुनियादी अंतर भी हैं। आइए JEE मेन और JEE एडवांस्ड के बीच में प्रमुख अंतर जानते हैं।
कहां मिलता है प्रवेश?
JEE मेन को पास करने के बाद उम्मीदवारों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) और अन्य केंद्र/राज्य द्वारा वित्त पोषित संस्थानों में दाखिला मिलता है। वहीं, JEE एडवांस्ड पास करने के बाद उम्मीदवारों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में सीधा प्रवेश मिलता है। इसके चलते परीक्षा का स्तर काफी कठिन होता है। JEE मेन पास करने के बाद उम्मीदवार इंजीनियर तो बन सकते हैं, लेकिन IIT से पढ़ने के लिए JEE एडवांस्ड पास करना अनिवार्य है।
परीक्षा पैटर्न में क्या अंतर है?
JEE मेन में गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान से जुड़े 90 सवाल पूछे जाते हैं। इनमें से 75 सवाल हल करने होते हैं। परीक्षा की अवधि 3 घंटे हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 4 अंक मिलते हैं और गलत उत्तर के लिए 1 अंक का नकारात्मक अंकन होता है। JEE एडवांस्ड में प्रश्नों की संख्या निर्धारित नहीं है। इसमें 2 पेपर होते हैं, जिन्हें हल करने के लिए 6 घंटे का समय मिलता है।
क्या है योग्यता मानदंड?
JEE मेन में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास या समकक्ष होना जरूरी है। इस साल 12वीं की परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार भी आवेदन के पात्र हैं। वहीं JEE एडवांस्ड में JEE मेन को पास करने वाले उम्मीदवार ही भाग ले सकते हैं। उम्मीदवार का नाम शीर्ष 2.5 लाख रैंक में होना चाहिए। इसका मतलब है कि JEE मेन परीक्षा JEE एडवांस्ड के लिए एक क्वालीफाइंग टेस्ट है।
साल में कितने बार होता है आयोजन?
JEE मेन का संचालन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है। ये परीक्षा साल में 2 बार आयोजित होती है। इस साल पहले सत्र की परीक्षा 24 जनवरी से 1 फरवरी और दूसरे सत्र की परीक्षा 1 से 15 अप्रैल के बीच आयोजित होगी। JEE एडवांस्ड का आयोजन साल में केवल 1 बार किया जाता है। इसे ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड द्वारा संचालित किया जाता है। हर साल परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी अलग-अलग IIT संस्थानों को दी जाती है।
कितनी बार दे सकते हैं परीक्षा?
एक उम्मीदवार अधिकतम 3 वर्षों के लिए JEE मेन की परीक्षा दे सकता है जबकि JEE एडवांस्ड की परीक्षा अधिकतम 2 वर्षों तक दी जा सकती है। JEE मेन की परीक्षा 13 भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, कन्नड़, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, मलयालम, गुजराती, असमिया और मराठी भाषा में उपलब्ध हैं। वहीं, JEE एडवांस्ड का पेपर केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध होता है। ऐसे में क्षेत्रीय भाषा वाले अभ्यर्थी कठिनाई महसूस करते हैं।