JEE मेन की तैयारी करते समय इन गलतियों को करने से बचें
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) देश के टॉप तकनीकी संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली भारत की सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा है। इसमें दो स्तर JEE मेन और JEE एडवांस्ड होते हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण परीक्षा है और उम्मीदवारों को इसकी तैयारी के लिए बनाई गई स्ट्रेटजी में कोई भी गलती करने से बचना होगा। हमने इस लेख में कुछ ऐसी गलतियां बताई हैं, जिन गलतियों से उम्मीदवारों को बचना चाहिए।
स्मार्ट स्ट्रेटजी बनाए बिना तैयारी करने से बचें
JEE मेन को पास करने के लिए उम्मीदवारों को बिना उचित योजना बनाए तैयारी करने से बचना चाहिए। उन्हें पूरे पाठ्यक्रम को जल्द कवर करने के लिए एक योजना बनानी चाहिए। छात्रों को तैयारी/रिवीजन की स्मार्ट स्ट्रेटजी को अपनाना चाहिए और सभी विषयों के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। उम्मीदवारों को अपने टाइम टेबल के अनुसार पढ़ना चाहिए और समय का सही उपयोग करना सीखना चाहिए। रोजाना, साप्ताहिक और मासिक अध्ययन लक्ष्य रखने से तैयारी में मदद मिलेगी।
कई सारी किताबों को पढ़ने से बचें
JEE उम्मीदवारों को अपनी तैयारी के दौरान कई सारी रेफरेंस किताबों से पढ़ाई करने से बचना चाहिए। बहुत सी किताबों से पढ़ने से आपको कन्फ्यूजन हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी NCERT पुस्तकों के अलावा प्रत्येक विषय या टॉपिक के लिए एक या दो अच्छी किताबों से पढ़ाई करनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें उन किताबों से दूर रहना चाहिए, जो JEE के लिए नहीं और उन्हें सिर्फ JEE सिलेबस की किताबों से पढ़ना चाहिए।
कुछ टॉपिक्स को अनदेखा करना
JEE उम्मीदवारों को सभी विषयों को पढ़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कुछ विषयों को अनदेखा करना भी आपकी एक बड़ी गलती होती है, लेकिन उन्हें उन विषयों/कॉन्सेप्ट पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे अधिक नंबर का पूछा जाता है। साथ ही छात्रों को सभी विषयों पर बराबर ध्यान देना चाहिए। उन्हें अपने 11वीं-12वीं के पाठ्यक्रम, बेसिक कॉन्सेप्ट, सूत्रों, प्रमेयों और प्रतिक्रियाओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
अंतिम समय में नई पुस्तकों और विषयों को नहीं पढ़ें
JEE उम्मीदवारों को अंतिम समय में किसी भी नए कॉन्सेप्ट को पढ़ने या नई पुस्तकों से पढ़ने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कन्फ्यूजन और अनावश्यक तनाव हो सकता है। उन्हें इसके बजाय पहले से पढ़ी हुई चीजों पर ध्यान केंद्रित करके रिवीजन करना चाहिए।
मॉक टेस्ट नहीं देना
उम्मीदवारों को एक और बड़ी गलती करने से बचना चाहिए। उम्मीदवारों को पिछले साल के प्रश्न पत्रों, सैंपल पेपर और मॉक टेस्ट हल करने चाहिए। उन्हें इससे परीक्षा पैटर्न, कठिनाई स्तर, पूछताछ के रुझान आदि का पता चलता है। इसके साथ ही उम्मीदवारों को परीक्षा में समय को मैनेज करने में भी मदद मिलेगी। छात्रों को मॉक टेस्ट देना चाहिए और अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करना चाहिए। इससे उन्हें अपनी कमजोरियों का पता चलता है।