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    फरवरी में थोक महंगाई बढ़कर 2.38 प्रतिशत हुई, सब्जियों की कीमतों में गिरावट
    फरवरी में थोक महंगाई दर में मामूली बढ़त (तस्वीर: पिक्साबे)

    फरवरी में थोक महंगाई बढ़कर 2.38 प्रतिशत हुई, सब्जियों की कीमतों में गिरावट

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Mar 17, 2025
    02:46 pm

    क्या है खबर?

    फरवरी में थोक महंगाई दर में मामूली बढ़त दर्ज हुई है।

    सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2024 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर बढ़कर 2.38 प्रतिशत हो गई, जो जनवरी में 2.31 प्रतिशत थी।

    खाद्य उत्पादों में महंगाई 11.06 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि वनस्पति तेल की कीमतों में 33.59 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई। पेय पदार्थों की कीमतें भी 1.66 प्रतिशत बढ़ीं। इसके साथ ही सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है।

    खुदरा महंगाई

    खुदरा महंगाई में गिरावट हई दर्ज

    आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर फरवरी में घटकर 3.61 प्रतिशत हो गई, जो 7 महीनों में सबसे कम है।

    CPI उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है, जो उपभोक्ता सीधे खरीदते हैं, जबकि WPI फैक्ट्री गेट या थोक व्यापारी की कीमतों को दर्शाता है।

    खुदरा महंगाई में गिरावट का मतलब है कि आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है, क्योंकि रोजमर्रा की चीजों की कीमतें स्थिर या कम हो सकती हैं।

     अंतर 

    WPI और CPI में अंतर क्या है?

    महंगाई को मापने के लिए 2 प्रमुख सूचकांक WPI और CPI होते हैं।

    WPI उन वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है, जिन्हें कंपनियां थोक में खरीदती और बेचती हैं। यह 3 श्रेणियों में विभाजित होता है, जिसमें प्राथमिक उत्पाद, ईंधन व बिजली और विनिर्मित वस्तुएं शामिल हैं।

    CPI उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है, जिन्हें उपभोक्ता प्रत्यक्ष रूप से खरीदते हैं। ये आंकड़े अर्थव्यवस्था की स्थिति और महंगाई को समझने में मदद करते हैं।

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