बजट सत्र: संसद में पेश हुआ आर्थिक सर्वेक्षण, विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। यह मौजूदा वित्त वर्ष के सात प्रतिशत और पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के 8.7 प्रतिशत के आंकड़े से कम है। सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक वार्षिक रिपोर्ट है। यह पिछले एक साल में देश के आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का लेखा -जोखा होता है। आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मुख्य आंकड़े पेश किए जाते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण में क्या कहा गया है?
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के दौर के बाद दूसरे देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से सुधार कर रही है। घरेलू मांग और पूंजीगत निवेश में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा हो पाया है। हालांकि, सर्वेक्षण में यह चिंता जताई गई है कि चालू खाता घाटा बढ़ सकता है क्योंकि दुनियाभर में कीमतें बढ़ रही हैं, वहीं महंगाई पर लगाम लगाने की चुनौती अब भी बरकरार है।
भारत के पास पर्यात विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद- आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत के पास पर्यात विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे चालू खाते के घाटे को वित्त पोषित किया जा सकता है। भारतीय रुपये के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भी यह पर्याप्त है। सर्वे में कहा गया है कि भारत क्रय क्षमता यानी परचेसिंग पावर पैरिटी (PPP) के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और विनिमय दर के मामले में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
बेहतर प्रदर्शन कर रहा है भारतीय रुपया
बतौर सर्वेक्षण, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से उठाए गए कदमों के बाद नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर नीचे आ गई। वर्ष 2022 में खुदरा महंगाई दो-छह प्रतिशत के दायरे के बाहर रही। इसमें कहा गया है कि दुनिया की अधिकांश मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले आठ महीनों में 63.4 प्रतिशत बढ़ने की जानकारी भी दी गई है।
निचले स्तर पर पहुंची शहरी बेरोजगारी दर
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में शहरी बेरोजगारी दर पिछले चार वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए शहरी बेरोजगारी दर सितंबर, 2021 में 9.8 प्रतिशत से घटकर एक साल बाद 7.2 प्रतिशत पर आ गई। इसके साथ ही श्रम बल भागीदारी दर में भी सुधार हुआ है, जो वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत में अर्थव्यवस्था के उभरने की पुष्टि करता है।
कल पेश किया जाएगा केंद्रीय बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानि कल संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बता दें कि आज से शुरू हुए बजट सत्र के दौरान लगभग 36 विधेयक संसद में पेश किये जाएंगे, जिनमें से चार बजटीय अभ्यास से संबंधित हैं। बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान 27 दिन कार्यवाही होगी।