आर्थिक संकट: पाकिस्तान करेगा ISI के फंड में कटौती, दूतावास होंगे बंद
क्या है खबर?
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। खबर है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्वेिसेस इंटेलीजेंस (ISI) और इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के फंड में कटौती की जा सकती है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कैबिनेट में करीब आधे मंत्रियों के वेतन और सरकारी सुविधाओं पर भी रोक लगाई जा सकती है। विदेशों में काम कर रहे पाकिस्तान के दूतावास भी बंद किए जाएंगे।
कटौती
दूतावासों पर होने वाले खर्च में की जाएगी 15 फीसदी कटौती
पाकिस्तान के जियो न्यूज के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विदेश मंत्रालय को विदेशों में काम कर रहे दूतावासों की संख्या कम करने के निर्देश दिए हैं और दूतावासों के खर्च में 15 फीसदी की कटौती करने को कहा गया है। इसके लिए दूतावासों के ऑफिस बंद करने से लेकर कर्मचारियों की छंटनी करने के आदेश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से 21 फरवरी को 'रेशनेलाइजेशन ऑफ फॉरेन मिशन अब्रोड' नाम से ये आदेश जारी किया गया।
कदम
आर्थिक संकट के बीच ये कदम भी उठा सकती है सरकार
पाकिस्तान में अधिकारियों और रिटायर्ड जजों को मिलने वाली पेंशन भी बंद की जा सकती है। इसके अलावा सभी सरकारी संस्थाओं के बजट में कटौती हो सकती है और मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों को मिलने वाले लग्जरी वाहन और बाकी सुविधाएं छीनी जा सकती हैं।
नई भर्तियों पर पूरी तरह से रोक और तीन साल से ज्यादा समय से खाली पड़े पदों पर भर्ती बंद हो सकती है। सभी सरकारी कार्यालयों में मुफ्त बिजली पर रोक लग सकती है।
महंगाई
पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़े रिकॉर्ड
पाकिस्तान में महंगाई दर 30 फीसदी से भी ऊपर पहुंच गई है। एक लीटर दूध 250 और एक किलो चिकन 780 पाकिस्तानी रुपये में मिल रहा है। पेट्रोल के दाम 272 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया है। इतने पैसों से केवल 2 या 3 हफ्ते तक ही विदेशों से जरूरी चीजें आयात की जा सकती हैं।
दिवालिया
रक्षा मंत्री ने कहा- देश दिवालिया हो गया
आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस बात को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है और वह एक दिवालिया देश में रह रहे हैं।
पाकिस्तान में सेना, नौकरशाही और नेता मौजूदा आर्थिक बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि पाकिस्तान में कानून और संविधान का पालन नहीं किया जाता। खुद को स्थिर करने के लिए उसका पैरों पर खड़ा होना जरूरी है।
IMF
IMF की शर्त से और बढ़ेगी महंगाई
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को बैलआउट पैकेज के लिए कठोर शर्तें रखी हैं। इसे पाने के लिए सरकार ने 21 फरवरी को मिनी बजट पेश किया, जिसमें कई तरह की जरूरी चीजों पर टैक्स बढ़ाया गया है।
इसके तहत सेल्स टैक्स को 17 से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है, वहीं लग्जरी सामान पर लगने वाला टैक्स 17 से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। इससे देश में महंगाई और बढ़ने की आशंका है।