खाद्य पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी से थोक महंगाई दर 15 महीने के उच्चतम स्तर पर
क्या है खबर?
देश में खाद्य पदार्थों और प्राथमिक वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी की वजह से थोक महंगाई दर में इजाफा हुआ है। यह 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
द हिंदु के मुताबिक, थोक मूल्यांक सूचकांक (WPI) पर आधारित थोक महंगाई दर अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी, जो मई में 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई।
अप्रैल में खाद्य वस्तुओं में 5-7 प्रतिशत की अधिक वृद्धि दर्ज हुई है। उस समय महंगाई दर 13 महीने के उच्चतम स्तर पर थी।
महंगाई दर
क्यों बढ़ रही महंगाई दर?
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से बताया गया कि मई में मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेलों, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है।
बता दें कि मई लगातार सातवां महीना था जब थोक मूल्य सूचकांक में साल-दर-साल आधार पर वृद्धि हुई है। इससे पहले लगातार 7 महीनों तक इसमें गिरावट देखी गई है।
महंगाई
कहां कितनी बढ़ी महंगाई?
मनीकंट्रोल के मुताबिक, खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर मई में 9.82 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो अप्रैल में 7.74 प्रतिशत थी और महीने मार्च में 6.88 प्रतिशत थी।
इसी तरह सब्जियों की थोक महंगाई दर मई में 32.42 प्रतिशत रही है, जो अप्रैल में 23.60 प्रतिशत और मार्च में 19.52 प्रतिशत थी।
इससे इतर मई में खुदरा महंगाई दर घटी है, जो 4.75 प्रतिशत पर आ गई। अप्रैल में यह 4.83 प्रतिशत दर्ज की गई थी।