शेयर बाजार में लगातार पांचवे दिन बड़ी गिरावट, जानिए क्या है वजह
शेयर बाजार में आज (20 दिसंबर) लगातार पांचवे दिन गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स 800 से अधिक अंक टूटकर 78,392 तक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी 200 से अधिक अंक गिरकर 23,726 पर आ गया। BSE पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 450 लाख करोड़ रुपये से घटकर 448 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशकों को 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आइए बाजार में लगातार गिरावट के प्रमुख वजहों को जानते हैं-
अमेरिकी फेड की नीति
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 18 दिसंबर को अपनी ब्याज दर को 4.25-4.50 प्रतिशत तक घटाया, लेकिन इसका असर बाजार पर नकारात्मक पड़ा। फेड ने 2025 के अंत तक सिर्फ 2 बार ब्याज दर में कटौती का अनुमान लगाया, जबकि बाजार को अनुमान था कि यह कटौती 3 या 4 बार कि जाएगी। इस बड़े बदलाव ने दुनियाभर के बाजारों में निराशा फैलाई और भारतीय बाजार में गिरावट का कारण बना।
विदेशी निवेशकों की बिक्री
विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों की लगातार बिक्री कर रहे हैं, जो बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। पिछले 4 सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय शेयर बेचे हैं। डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के बढ़ने से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से बाहर निकल रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार पर दबाव बना है और आज लगातार पांचवें दिन गिरावट देखने को मिल रही है।
रुपया पहुंचा निचले स्तर पर
शुक्रवार को भारतीय रुपया 85.34 डॉलर प्रति डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे बाजार में नकारात्मक असर पड़ा। कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने से हतोत्साहित करता है, क्योंकि इससे उनका मुनाफा कम हो जाता है। इसके अलावा, आयातित सामान महंगे हो जाते हैं, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ती है और सख्त मौद्रिक नीतियां लागू होती हैं, जो बाजार के लिए और भी नुकसानदेह होती हैं।
मैक्रोइकॉनोमिक समस्याएं
भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। नवंबर में व्यापार घाटा रिकॉर्ड 37.84 अरब डॉलर (लगभग 3,215 अरब रुपये) तक पहुंच गया, जो कि पिछले साल 21.31 अरब डॉलर (लगभग 1,810 अरब रुपये) था। इसके साथ ही, देश की GDP वृद्धि भी धीमी हो रही है, जो बाजार में चिंता बढ़ा रही है। यह संकेत दे रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आगे और मुश्किलों का सामना कर सकती है।
आय में सुधार पर संदेह
भारत के कॉर्पोरेट्स की आय पिछले कुछ तिमाहियों में कमजोर रही है और अब दिसंबर तिमाही (Q3) की आय पर नजरें हैं। विशेषज्ञों को आय में सुधार की उम्मीद है, लेकिन वे मानते हैं कि वास्तव में सुधार Q4 में ही दिखेगा। आय वृद्धि के बिना, बाजार के प्रदर्शन में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा और इसके लिए आय में सुधार की आवश्यकता होगी। इन सभी वजहों से इस हफ्ते बाजार में मंदी रही।