उत्तर कोरिया के हैकर्स ने इस साल की 110 अरब रुपये के क्रिप्टोकरेंसी की चोरी
क्रिप्टोकरेंसी की चोरी का आंकड़ा हर साल तेजी से बढ़ता जा रहा है। चेनएनालिसिस की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 2.2 अरब डॉलर (लगभग 187 अरब रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हुई, जिसमें से 1.3 अरब डॉलर (लगभग 110 अरब रुपये) उत्तर कोरियाई हैकर्स ने चुराई है। यह आंकड़ा पिछले साल के आंकड़े से दोगुना है। उत्तर कोरिया से जुड़े ये हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी चोरी में सबसे आगे हैं, जिससे डिजिटल करेंसी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
ऐसे चोरी करते हैं हैकर्स
रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स क्रिप्टो और तकनीकी कंपनियों में घुसपैठ के लिए रिमोट IT कर्मचारी बनकर काम करते हैं। चुराई गई अधिकांश क्रिप्टो निजी पासकोड से छेड़छाड़ के कारण थी, जो यूजर्स की संपत्तियों तक पहुंच को नियंत्रित करती हैं। केंद्रीकृत एक्सचेंज पर इन पासकोड से छेड़छाड़ का प्रभाव बड़ा होता है। 2024 में चोरी बढ़कर 21 प्रतिशत अधिक हो गई, जिसमें हैकर्स उन्नत तरीकों से सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठा रहे हैं।
इस साल की बड़ी क्रिप्टो चोरी
इस साल बड़ी क्रिप्टो चोरी में जापान के DMM बिटकॉइन से 30 करोड़ डॉलर (लगभग 2,551 करोड़ रुपये) और भारत के वजीरएक्स से 23.5 करोड़ डॉलर (लगभग 1,998 करोड़ रुपये) की चोरी शामिल है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि उत्तर कोरिया प्रतिबंधों से बचने और अपने हथियार प्रोग्राम को फंड देने के लिए क्रिप्टो चोरी करता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने जानकारी देने पर 50 लाख डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपये) तक के इनाम की घोषणा की है।