शेयर बाजार में आज इन वजहों से दर्ज हुई गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार (18 नवंबर) को गिरावट देखी गई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों नीचे गए। इसका कारण विदेशी फंडों की निकासी, IT शेयरों में बिकवाली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियां थीं, जिनमें दरों में कटौती के प्रति सतर्कता का संकेत दिया गया। निफ्टी सुबह 11:15 बजे तक 0.69 प्रतिशत गिरकर 23,369.85 पर था, जो सितंबर के उच्चतम स्तर से 10 प्रतिशत कम था और 4 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट थी।
भारतीय शेयरों की रेटिंग रही गिरावट की प्रमुख वजह
सिटी ने भारतीय शेयरों की रेटिंग घटाई: सिटी ब्रोकरेज ने कमजोर आय और सितंबर तिमाही के खराब परिणामों के चलते भारतीय शेयरों की रेटिंग घटाई। इससे बाजार में नकारात्मक प्रभाव पड़ा और निवेशकों का विश्वास घटा। पॉवेल की दरों में कटौती पर टिप्पणी: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि वे जल्दी दरें नहीं घटाएंगे, क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है। इससे उभरते बाजारों से पूंजी का आउटफ्लो हो सकता है और डॉलर की कीमत बढ़ सकती है।
IT शेयरों पर दबाव बढ़ा
IT शेयरों पर दबाव: पॉवेल की टिप्पणी से निफ्टी IT इंडेक्स में 3 प्रतिशत गिरावट आई। प्रमुख IT कंपनियों जैसे टेक महिंद्रा, TCS, इंफोसिस और विप्रो में 2-4 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मिड-कैप स्टॉक्स जैसे कोफोर्ज और L&T में 1-2 प्रतिशत की कमी आई। भू-राजनीतिक तनाव: भू-राजनीतिक चिंताओं से बाजार प्रभावित हुआ। अमेरिका ने यूक्रेन को रूस पर हमलों के लिए मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति दी। ईरान के नेता खामेनेई की स्वास्थ्य स्थिति ने भी तनाव बढ़ाया।
बाजार में गिरावट की अन्य वजहें
FII बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,849.87 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे नवंबर में कुल निकासी 22,420 करोड़ रुपये हो गई। इस बिकवाली को उच्च घरेलू शेयर मूल्यांकन, मजबूत डॉलर और ट्रेजरी यील्ड ने बढ़ावा दिया है। अस्थिरता सूचकांक: इंडिया VIX में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बाजार में बढ़ते डर को दर्शाता है। गिरता रुपया: रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे बढ़कर 84.38 पर पहुंचा, लेकिन डॉलर इंडेक्स 106.6 पर मजबूत है।