शेयर बाजार में लगातार दर्ज हो रही बड़ी गिरावट, यहां जानिए क्या है वजह
भारतीय शेयर बाजार में आज (14 नवंबर) छठे दिन भी गिरावट देखने को मिल रही है। आज हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन दोपहर 12:00 बजे तक शेयर बाजार का सेंसेक्स 266 अंक और निफ्टी 116 अंकों तक फिसल गया। पिछले सत्र में (13 नवंबर) को सेंसेक्स 984 अंक गिरकर 77,690.95 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 324 अंक गिरकर 23,559.05 पर बंद हुआ था। आइए जानते हैं आखिर क्यों शेयर बाजार में लगातार बड़ी गिरावट दर्ज हो रही है।
कमजोर रुपया और डॉलर में उछाल है प्रमुख वजह
शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में उछाल, रुपये की कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। 14 नवंबर को सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई, जिससे दोनों बेंचमार्क अपने उच्चतम स्तर से 10 प्रतिशत तक नीचे पहुंच गए। अमेरिकी चुनाव के बाद डॉलर की मजबूती और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि से उभरते बाजारों में दबाव बढ़ा है। हालांकि, घरेलू निवेशकों द्वारा लगातार निवेश और कुछ क्षेत्रों में विकास की उम्मीद से बाजार को सपोर्ट मिला है।
FPI में बिकवाली और ब्याज दर भी है वजह
विदेशी निवेशक (FPI) लगातार शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं, और नवंबर में अब तक 23,911 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। अक्टूबर में भी बड़ी निकासी हुई थी। चीन के प्रोत्साहन उपायों के कारण विदेशी निवेशकों का ध्यान भारतीय बाजारों से हटकर चीनी शेयरों पर गया है। दूसरी ओर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि मुद्रास्फीति बढ़ने और रुपये की कमजोरी से स्थिति और मुश्किल हो रही है।
अन्य वजह
शेयर बाजार में गिरावट की एक वजह कमजोर तिमाही नतीजे हैं। जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियों के जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे 2020 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दिखा रहे हैं। 121 कंपनियों में से 63 प्रतिशत के लिए आय अनुमानों को घटाया गया है, जो आर्थिक मंदी की ओर इशारा करता है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं भी बाजार पर दबाव बना रही हैं।
विशेषज्ञ की क्या है राय?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार ने कहा कि निवेशकों को यह देखना होगा कि मौजूदा आर्थिक हालात कब बेहतर होंगे। उन्होंने सीमेंट, धातु और पेट्रोलियम रिफाइनिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश करने से बचने की सलाह दी, क्योंकि इन क्षेत्रों में मंदी आ रही है। वहीं, बैंकिंग, डिजिटल कंपनियों, होटल, फार्मा और IT जैसे क्षेत्रों में निवेश को सुरक्षित माना गया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में विकास की बेहतर संभावनाएं हैं।