SEBI ने जी एंटरटेनमेंट में पकड़ी 2,000 करोड़ की कथित हेराफेरी, जानें मामला
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SEBI ने ZEEL के खातों में 2,000 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी पकड़ी है। SEBI ने इस बारे में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि सोनी के साथ विलय टूटने के बाद से जी के शेयरों में भारी गिरावट आई है और सब SEBI की जांच उसकी मुश्किलें और बढ़ा सकती हैं।
कैसे सामने आई गड़बड़ी?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, SEBI द्वारा ZEEL के संस्थापकों से जुड़े एक मामले की जांच के दौरान कंपनी के खातों में करीब 2,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पता चला। यह आंकड़ा SEBI की शुरुआती जांच में लगाए गए अनुमान का 10 गुना है। हालांकि, इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का दावा है कि यह आंकड़े अंतिम नहीं है। SEBI द्वारा कंपनी के अधिकारियों के जवाबों की समीक्षा के बाद इसमें बदलाव हो सकता है।
कंपनी ने टिप्पणी करने से किया इनकार
SEBI ने जी के संस्थापकों सुभाष चंद्रा, उनके बेटे पुनीत गोयनका और कंपनी के कुछ बोर्ड सदस्यों को नोटिस भेजकर पूरे मामले का विवरण मांगा है। इस मामले पर जी के प्रवक्ता ने किसी भी टिप्पणी से इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कंपनी जांच में पूरा सहयोग कर रही है। इस बीच लगभग 2:30 बजे कंपनी के शेयर 25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 167.75 रुपये पर ट्रेंड कर रहे थे।
सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका पर क्या आरोप हैं?
2023 से SEBI कंपनी के फंड में हेराफेरी और खातों की विंडो ड्रेसिंग के आरोपों की जांच कर रहा है, जिससे कथित तौर पर जी के प्रोमोटरों को लाभ पहुंचा है। SEBI ने सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत पर आरोप लगाया है कि दोनों ने अपने आर्थिक लाभ के लिए सूचीबद्ध कंपनी ZEEL और एस्सेल ग्रुप की दूसरी सूचीबद्ध कंपनियों के फंड में हेराफेरी की। इन्हीं आरोपों की जांच के दौरान 2,000 करोड़ की कथित हेराफेरी सामने आई।
जी और सोनी के विलय पर पड़ा असर
सुभाष और पुनीत के खिलाफ SEBI की जांच के कारण ही सोनी और जी के बीच विलय का सौदा आगे नहीं बढ़ सका। 22 जनवरी को सोनी ने आधिकारिक तौर पर विलय योजना को रद्द करने का ऐलान किया था। इसके बाद से पुनीत निवेशकों को आश्वस्त कर रहे हैं कि विलय पर काम किया जा रहा है। खबरें भी थीं कि दोनों कंपनियां फिर से बातचीत करेंगी। अब SEBI के नए खुलासे से उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
जी और सोनी के बीच विलय का मामला क्या है?
दिसंबर, 2021 में ZEEL ने सोनी समूह में विलय की घोषणा की थी और इस विलय से करीब 83,000 करोड़ रुपये की कंपनी बननी थी। सोनी भारत में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए और जी कर्ज के बोझ से निकलने के लिए इस विलय पर राजी हुए थे। हालांकि, इसी साल 22 जनवरी को सोनी ने विलय की योजना रद्द कर दिया और कहा कि दोनों पक्षों के समझौते की शर्तों पर एकमत न होने के कारण ये हुआ है।