खास सिस्टम पर काम कर रही है सोनी, 'केला' बन जाएगा गेम कंट्रोलर
क्या है खबर?
जापान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सोनी बेहद अनोखे सिस्टम पर काम कर रही है, जिसकी मदद से सामान्य चीजों को गेम कंट्रोलर्स में बदला जा सकेगा।
कंपनी ने एक अनोखा पेटेंट फाइल किया है, जिसकी मदद से केले को एक कंट्रोलर की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इस पेटेंट का पता GamesIndustry.biz ने लगाया है और इससे जुड़ी पेटेंट ऐप्लिकेशन भी सामने आई है।
बताया गया है कि यूजर्स केले या फिर दूसरी चीजों का इस्तेमाल कंट्रोलर की तरह कर पाएंगे।
पेटेंट
कैमरा का इस्तेमाल करेगी टेक्नोलॉजी
पेटेंट में बताया गया है कि नया सिस्टम एक कैमरा की मदद से सामान्य चीजों पर वर्चुअल बटन्स तैयार करेगा।
ऐप्लिकेशन के मुताबिक, "यह सिस्टम उस पैसिव ऑब्जेक्ट्स की इमेज का इस्तेमाल करता है, जिसे यूजर ने वीडियो गेम कंट्रोलर के तौर पर पकड़ रखा हो। सिस्टम में दिए गए ऑब्जेक्ट डिटेक्टर और ऑब्जेक्ट पोज डिटेक्टर के साथ समझा जा सकेगा कि यूजर ने ऑब्जेक्ट को किस तरह पकड़ रखा है और इसकी मदद से इनपुट्स रिकॉर्ड किए जाएंगे।"
फायदा
बदलेगा गेमिंग डिवाइसेज इस्तेमाल करने का तरीका
किसी भी चीज को कंट्रोलर की तरह इस्तेमाल कर पाने का मतलब है कि यूजर्स के लिए गेमिंग डिवाइसेज इस्तेमाल करने का तरीका बदल जाएगा।
पेटेंट में कहा गया है, "ज्यादातर वीडियो गेम कंसोल्स एक कंट्रोलर के साथ आते हैं और ऐसा होने की स्थिति में वे मल्टीप्लेयर या VR जैसे गेम फीचर्स इस्तेमाल नहीं कर पाते। जिन यूजर्स के पास एक से ज्यादा कंट्रोलर होते हैं, उन्हें लंबे वक्त तक इस्तेमाल करने के लिए बार-बार चार्ज करना पड़ता है।"
वजह
इसलिए फ्यूचर बदलना चाहती है सोनी
किसी चीज को कंट्रोलर में बदल पाने का फायदा उन कंपनियों को मिलेगा, जो नई वर्चुअल रिएलिटी (VR) और मिक्स्ड रिएलिटी (MR) टेक्नोलॉजी यूजर्स तक पहुंचाना चाहती हैं।
बेशक गेमिंग कंसोल्स का दुनियाभर में बड़ा मार्केट हो लेकिन सोनी जैसे कंपनियां अब तक VR और MR हेडसेट्स को अफॉर्डेबल सेगमेंट में नहीं ला सकी हैं।
ज्यादा अफॉर्डेबल कंट्रोलर्स का मतलब है कि मौजूदा डिवाइसेज और कंसोल्स की कीमत भी पहले से कम हो जाएगी और ज्यादा यूजर्स इन्हें खरीद पाएंगे।
सीमाएं
रियल-वर्ल्ड परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है असर
सोनी के पेटेंट है और इसे फाइनल प्रोडक्ट का हिस्सा बनाने में लंबा वक्त लग सकता है।
नए टेक के साथ सभी यूजर्स को केले या ऐसी चीजों को कंट्रोलर की तरह इस्तेमाल करना होगा। मौजूदा कंट्रोलर्स का इस्तेमाल पसंद करने वाले गेमर्स को यह टेक अपनाने में वक्त लग सकता है।
सामान्य चीजों का कंट्रोलर के तौर पर इस्तेमाल कितना सफल होगा और इसकी शर्तें क्या होंगी, यह बात फाइनल प्रोडक्ट मार्केट में आने के बाद ही सामने आएगी।