2024 में भारतीय कंपनियों का विदेशी निवेश बढ़ा, आंकड़ा 2,800 अरब रुपये तक पहुंचा
क्या है खबर?
भारतीय कंपनियों द्वारा 2024 में विदेशों में निवेश में लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने पिछले साल 32.5 अरब डॉलर (लगभग 2,800 अरब रुपये) विदेश भेजे हैं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 21.9 अरब डॉलर (लगभग 1,900 अरब रुपये) था।
इन निवेशों को ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ODI) रूट के जरिए भेजा गया है, जो कंपनियों को विदेशों में 1 अरब डॉलर (लगभग 85 अरब रुपये) तक भेजने की अनुमति देता है।
लेन-देन
बड़े ODI लेन-देन
इस साल का सबसे बड़ा ODI लेन-देन फरवरी में हुआ, जब L&T ने अपनी सऊदी अरब की सहायक कंपनी में लगभग 200 अरब रुपये का निवेश किया।
इसके अलावा, भारत पेट्रो रिसोर्सेज ने अगस्त में नीदरलैंड में लगभग 5,700 करोड़ रुपये डॉलर का निवेश किया।
L&T ने सऊदी में गैस परियोजनाओं और ट्रांसमिशन व वितरण से संबंधित बड़े ऑर्डर भी प्राप्त किए हैं। इन निवेशों ने विदेशी बाजारों में भारतीय कंपनियों के विस्तार को और बढ़ावा दिया है।
निवेश
प्रमुख ODI लेन-देन और कंपनियों का विस्तार
सैजिलिटी इंडिया ने अपनी अमेरिकी सहायक कंपनी में लगभग 5,400 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे यह 2024 का एक और बड़ा ODI लेन-देन बन गया।
इसके अलावा, टाटा स्टील ने सिंगापुर स्थित टी स्टील होल्डिंग्स को लगभग 3,400 करोड़ रुपये का ऋण दिया और कंपनी के 178 करोड़ शेयर खरीदे।
अडाणी पोर्ट्स और GMR पावर जैसी कंपनियों ने भी विदेशों में पूंजी निवेश किया है, जिससे भारतीय कंपनियों की वैश्विक उपस्थिति बढ़ी है।
देश
निवेश के प्रमुख देश
इस साल के ODI निवेश में सिंगापुर सबसे आगे रहा, जहां कुल निवेश का 20 प्रतिशत भेजा गया।
मॉरीशस 14 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहा। अन्य प्रमुख गंतव्य देशों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और नीदरलैंड थे।
भारतीय कंपनियां कर लाभ के कारण अक्सर सिंगापुर और मॉरीशस का इस्तेमाल करती हैं और वहां से पूंजी अन्य देशों में भेजी जाती है, जहां कंपनियों को पूंजी की जरूरत होती है।