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काम में आजादी नहीं मिलने पर 52 प्रतिशत लोग हैं नौकरी छोड़ने को तैयार- सर्वे
काम में आजादी नहीं मिलने पर 52 प्रतिशत लोग हैं नौकरी छोड़ने को तैयार (तस्वीर: फ्रीपिक)

काम में आजादी नहीं मिलने पर 52 प्रतिशत लोग हैं नौकरी छोड़ने को तैयार- सर्वे

Mar 04, 2025
06:51 pm

क्या है खबर?

भारत में कर्मचारी काम करने की आजादी को सबसे ज्यादा अहमियत दे रहे हैं। रैंडस्टैड इंडिया के वर्कमॉनीटर 2025 सर्वेक्षण के मुताबिक, 52 प्रतिशत लोग ऐसी नौकरी छोड़ सकते हैं, जहां सहूलियत न मिले, जबकि 60 प्रतिशत लोग बॉस के साथ तालमेल न होने पर नौकरी बदल सकते हैं। 59 प्रतिशत लोग अब नई नौकरियों की तलाश में हैं। अब लोग सिर्फ वेतन नहीं, बल्कि घर-परिवार के संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य को भी ज्यादा अहमियत दे रहे हैं।

सीखने के मौके

सीखने के मौके हर किसी के लिए जरूरी

67 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी नौकरी छोड़ देंगे अगर उन्हें सीखने और आगे बढ़ने के अवसर न मिलें। भारत से बाहर दुनियाभर में यह संख्या सिर्फ 41 प्रतिशत है। 43 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ट्रेनिंग को सबसे जरूरी मानते हैं, जबकि दुनिया में सिर्फ 23 प्रतिशत लोग इसे प्राथमिकता देते हैं। महिलाओं में 70 प्रतिशत और पुरुषों में 64 प्रतिशत लोग नई चीजें सीखने के अवसरों को नौकरी में जरूरी मानते हैं।

आरामदायक माहौल

आरामदायक माहौल और सुविधाजनक काम का समय जरूरी 

69 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी चाहते हैं कि उनके ऑफिस में अच्छा माहौल हो, जिससे वे अपनापन महसूस करें। 60 प्रतिशत लोग ऐसी नौकरी नहीं करेंगे, जहां काम का समय उनकी सहूलियत के अनुसार न हो। सर्वे से पता चला कि 56 प्रतिशत लोग ऐसी जगह काम नहीं करना चाहते जहां सुविधाजनक माहौल न मिले। 73 प्रतिशत कर्मचारी मानते हैं कि अगर कंपनी सहूलियत बढ़ाए, तो वे उस पर ज्यादा भरोसा करेंगे।

कंपनी

कंपनियों को बदलना होगा अपना तरीका 

रैंडस्टैड इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विश्वनाथ पीएस के अनुसार, काम करने की आजादी अब कोई विशेष सुविधा नहीं, बल्कि जरूरत बन गई है। 70 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी ऐसी कंपनियों में काम नहीं करना चाहते जो उनके सामाजिक और नैतिक मूल्यों से मेल न खाती हों। इससे साफ है कि कर्मचारी अब सिर्फ अच्छी सैलरी नहीं, बल्कि अपने जीवन से मेल खाने वाली नौकरियों को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं।