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ED ने रेजरपे और पेटीएम सहित 8 के खातों में फ्रीज किए करीब 500 करोड़ रुपये 
ED ने क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है

ED ने रेजरपे और पेटीएम सहित 8 के खातों में फ्रीज किए करीब 500 करोड़ रुपये 

Jan 24, 2025
12:55 pm

क्या है खबर?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी घोटालों में से एक HPZ टोकन घोटाले की जांच के तहत बड़ी कार्रवाई का अंजाम दिया है। उसने रेजरपे, पेयू, ईजीबज और पेटीएम सहित 8 भुगतान गेटवे के वर्चुअल खातों में लगभग 500 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 चीनी नागरिक कथित तौर पर इस घोटाले में 20 राज्यों में निवेशकों से 2,200 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की थी।

घोटाला 

ऐसे किया घोटाला 

आरोपियों ने कथित तौर पर मोबाइल ऐप HPZ टोकन के माध्यम से व्यक्तियों को बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पूरे भारत में एक नेटवर्क संचालित किया, जिसमें कम से कम 20 राज्यों की कंपनियां शामिल थीं। धन जुटाने के लिए 200 से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया। आरोप लगाया गया है कि 2,200 करोड़ रुपये से अधिक इकट्ठा कर आय विदेश में स्थानांतरित किया गया।

हिस्सेदारी 

किसके खाते में कितनी राशि की फ्रीज?

2,200 करोड़ रुपये में से लगभग 500 करोड़ रुपये ED ने फ्रीज कर दिए। इसे विदेशों में भेजे जाने से पहले 1-2 दिनों के लिए भुगतान गेटवे के पास रखा था। इनके वर्चुअल खातों में फ्रीज किए कुल 497 करोड़ रुपये में से पेयू के 130 करोड़, ईजीबज के 33.4 करोड़ रुपये, रेजरपे के 18 करोड़, कैशफ्री के 10.6 करोड़ और पेटीएम के 2.8 करोड़ रुपये शामिल हैं। साथ ही वंडरबेक्ड, एग्रीपे और स्पीडपे के भी पैसे जब्त किए हैं।

कार्रवाई 

भूपेश अरोड़ा भगोड़ा घोषित

इस मामले में नागालैंड की एक PMLA अदालत ने गैर-जमानती वारंट पर पेश नहीं होने के कारण 22 जनवरी को दिल्ली निवासी भूपेश अरोड़ा को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है। ED का आरोप है कि घोटाले की जांच शुरू होने पर अरोड़ा 2022 में दुबई भाग गए। इस घोटाले में अकेले दिल्ली में 50 से अधिक कंपनियाें के अलावा कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की कई अन्य कंपनियां पंजीकृत थीं।