यह भारतीय स्टार्टअप बना रहा फिर से इस्तेमाल होने वाले रॉकेट, अगले साल ये रखा लक्ष्य
क्या है खबर?
चेन्नई स्थित स्पेस टेक स्टार्टअप स्पेसजोन (इंडिया) ने पिछले महीने 24 अगस्त को देश का पहला दोबारा इस्तेमाल होने वाला हाइब्रिड रॉकेट लॉन्च किया था।
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, स्पेसजोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आनंद मेगालिंगम ने हाल ही में कहा है कि रीयूजेबल हाइब्रिड रॉकेट के सफल लॉन्च से राजस्व में 20 गुना वृद्धि हो सकती है।
उन्होंने यह भी कहा है कि इससे कंपनी को निवेश हासिल करने में भी मदद मिल सकती है।
राजस्व
इतना राजस्व उत्पन्न कर सकती है कंपनी
आनंद ने कहा, "हमने वित्त वर्ष 24 को 2.8 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ बंद किया और हम इस वित्त वर्ष में पहले ही 5 करोड़ रुपये को पार कर चुके हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम अगले साल अलग-अलग पेलोड के साथ 10 रीयूजेबल रॉकेट लॉन्च करेंगे। हम कंपनियों के लिए लॉन्च सेवाओं का संचालन करके अगले वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न कर सकते हैं।"
मूल्यांकन
इतना हो सकता है कंपनी का मूल्यांकन
भारत के पहले रीयूजेबल रॉकेट रूमी-1 के लॉन्च और रिकवरी ने स्पेसजोन को आश्चर्यजनक ऊंचाइयों पर पहुंचाया और अब स्टार्टअप मूल्यांकन के दौर से गुजर रही है।
आनंद ने कहा, "डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) को शामिल करने के बाद हमारा मूल्यांकन लगभग 800 करोड़ रुपये हो सकता है।"
कंपनी को लाभ कमाने के लिए बस 1 साल में 8 लॉन्च की जरूरत है। इनमें से 2 लॉन्च क्रमशः 2026 और 2027 में होने वाले रूमी-2 और रूमी-3 होंगे।