भारत में स्टार्टअप के लिए हैं ये शीर्ष सरकारी योजनाएं, मिलती है लाखों की आर्थिक सहायता
बदलते समय के साथ युवाओं का रुझान स्टार्टअप की ओर बढ़ा है। कई युवा प्राइवेट और सरकारी नौकरियों की दौड़ से बाहर होकर खुद का व्यवसाय शुरू करने पर फोकस कर रहे हैं। हालांकि, कई बार बजट की कमी के चलते उम्मीदवार अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर पाते। ऐसे युवाओं को सरकार विभिन्न स्टार्टअप योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती हैं। आइए कुछ शीर्ष सरकारी योजनाओं के बारे में जानते हैं।
अटल इनोवेशन मिशन
ये योजना भारत सरकार के नीति आयोग की ओर से साल 2016 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना है। इस मिशन के तहत स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और परिवहन के क्षेत्र में उभरते संगठनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसका उद्देश्य स्टार्टअप उद्यमियों की मदद करने के साथ-साथ एक मजबूत और सक्रिय नेटवर्क विकसित करना भी है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से योजना के बारे में जरूरी जानकारी ले सकते हैं।
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना
भारत सरकार ने शुरुआती चरण के व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2021 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत चुने गए उद्यमियों को 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलती है। स्टार्टअप के प्रोटोटाइप का विकास और उत्पाद परीक्षण के लिए 20 लाख रुपये और स्टार्टअप को बाजार में प्रवेश, व्यवसायीकरण या उपकरणों के लिए 50 लाख रुपये तक का निवेश दिया जाता है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
PRISM योजना
प्रोमोटिंग इनोवेशन इन इंडिविजुअल, स्टार्टअप एंड MSME (PRISM) योजना नए उद्यमों की शुरुआत के लिए आर्थिक अनुदान, तकनीकी मार्गदर्शन और सलाह प्रदान करती है। इस योजना के तहत स्टार्टअप के अवधारणा/प्रोटोटाइप/मॉडल के प्रमाण के लिए 5 लाख रुपये या 90 प्रतिशत लागत राशि उपलब्ध कराई जाती है। प्रोजेक्ट की टेस्टिंग और ट्रायल के लिए 35 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
स्टार्टअप रिसर्च ग्रांट
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आना वाला इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) स्टार्टअप रिसर्च ग्रांट (SRG) योजना का संचालन करता है। इसके तहत युवाओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग के अग्रणी क्षेत्रों में स्टार्टअप के शोध के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उम्मीदवारों को 2 साल के लिए अधिकतम 30 लाख रुपये दिए जाते हैं। इसमें उपकरण, टीम सदस्यों का भुगतान और यात्रा का खर्च शामिल होता है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से अन्य जानकारी देख सकते हैं।
बायोटेक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट
जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) की ओर से बायोटेक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्टार्टअप और नवाचारों को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत दवा वितरण दवाएं/माध्यमिक कृषि/औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी/बायोसिमिलर और स्टेम सेल/टीके/जैव सूचना विज्ञान और सुविधाओं के क्षेत्र में अनुदान मिलता है। चयनित उम्मीदवारों को 18 महीने तक की अवधि के लिए 50 लाख की आर्थिक मदद दी जाती है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।