अमेरिकी अरबपति चार्ली मुंगेर का 99 वर्ष की आयु में निधन
क्या है खबर?
अमेरिका के अरबपति वॉरेन बफेट के दाहिने हाथ माने जाने वाले अरबपति चार्ली मुंगेर का मंगलवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
मंगलवार को मुंगेर ने कैलिफोर्निया के एक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
बफेट ने बयान में कहा, "चार्ली की प्रेरणा, ज्ञान और भागीदारी के बिना कंपनी जिस मुकाम पर है, वह उस मुकाम पर नहीं पहुंच सकती थी।"
बता दें कि मुंगेर बर्कशायर के उपाध्यक्ष और इसके सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक थे।
कौन थे?
चार्ली मुंगेर कौन थे?
साल 1924 में ओमाहा में जन्मे मुंगेर ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से ग्रेजुएशन किया था। उन्होंने 1962 में लॉ फर्म मुंगेर, टॉल्स एंड ओल्सन से फाइनेंस के क्षेत्र में कदम रखा था।
उन्होंने हेज फंड कंपनी और मुंगेर एंड कंपनी में निवेश किया। पिछले 60 सालों से मुंगेर और बफेट दोस्त थे और दोनों के बीच कभी भी कोई विवाद नहीं हुआ।
मुंगेर ने बर्कशायर हाथवे को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी।
ट्विटर पोस्ट
टिम कूक ने दी श्रद्धांजलि
A titan of business and keen observer of the world around him, Charlie Munger helped build an American institution, and through his wisdom and insights, inspired a generation of leaders. He will be sorely missed. Rest in peace Charlie. pic.twitter.com/vNGDktOAhz
— Tim Cook (@tim_cook) November 28, 2023
बफेट
दुनिया में अमीरों की सूची में 182वें नंबर पर थे मुंगेर
मुंगेर केवल बर्कशायर हाथवे के उपाध्यक्ष ही नहीं थे, बल्कि वह एक रियल एस्टेट वकील, डेली जर्नल कॉर्प के चेयरमैन और पब्लिशर, कॉस्टको बोर्ड के सदस्य, फिलांथरोपिस्ट और एक आर्किटेक्ट भी थे।
वह दुनिया के अमीरों की सूची में 182वें नंबर पर थे। उनकी सलाह पर बफेट को पूरा भरोसा था और उसी के आधार पर वह कंपनियों में निवेश करते थे।
उनके प्रबंधन के तहत बर्कशायर ने 1965 से 20 प्रतिशत का औसत वार्षिक लाभ हासिल किया।
उपाध्यक्ष
मुंगेर 1978 में बने थे बर्कशायर में उपाध्यक्ष
मुंगेर और बफेट दोनों साथ-साथ निवेश की दुनिया में कदम रखा था। उनसे उम्र में बफेट 7 साल छोटे थे। वह 1978 में कंपनी के उपाध्यक्ष और 1984 में वेस्को फाइनेंशियल के अध्यक्ष बने थे।
उन्हें कंपनी की वार्षिक बैठकों में उनकी भूमिकाओं और कॉर्पोरेट ज्यादतियों की निंदा करने के लिए जाना जाता था।
बर्कशायर के शेयर की कीमत के आधार पर जैसे-जैसे बफेट की प्रसिद्धि और संपत्ति बढ़ी तो मुंगेर का मूल्य भी बढ़ता चला गया।
बयान
बफेट और मुंगेर के बीच दिखता था तालमेल
बर्कशायर की 2002 की वार्षिक बैठक में बफेट ने मुंगेर के बारे में कहा था, "ऐसा साथी होना बहुत अच्छा है जो कहेगा, आप सीधे नहीं सोच रहे हैं। बहुत से CEO चापलूसों के एक समूह से घिरे हुए हैं, जो अपने निष्कर्षों और पूर्वाग्रहों को चुनौती देने में अनिच्छुक हैं।"
इस पर मुंगेर ने कहा, "बफेट को एक बातूनी व्यक्ति से बहुत लाभ हुआ और मुझे लगता है कि मैं उस संबंध में बहुत उपयोगी रहा हूं।"