एंट्री-लेवल कारों के बढ़ते स्टॉक से डीलर्स परेशान, जानिए कारण
क्या है खबर?
देश में त्योहारी सीजन के दौरान कार बिक्री परवान पर रहती है, लेकिन इस बार डीलरशिप्स के सामने 2 बड़ी समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
इनमें एक अगस्त के अंत तक स्टॉक 4 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की संभावना और दूसरी स्टॉक में 60 प्रतिशत एंट्री-लेवल कारों का होना है।
दरअसल, बाजार में एंट्री-लेवल कारों की मांग कम हो चुकी है और त्योहारी सीजन के दौरान ज्यादातर बड़ी गाड़ियों के बिकने की उम्मीद है।
कारण
इस महीने में 3.1 लाख यूनिट तक पहुंच सकता है स्टॉक
त्योहारी सीजन से ठीक पहले डीलर स्टॉक ज्यादा रखते हैं, लेकिन घरेलू बाजार में एंट्री-लेवल मॉडल्स की सुस्त मांग के चलते वे अपने निवेश को लेकर थोड़ा चिंतित हैं।
अगस्त की शुरुआत में डीलरशिप्स पर नई कारों का स्टॉक 2.94 लाख यूनिट था, जिसके महीने के अंत तक बढ़कर 3.1 लाख यूनिट होने की उम्मीद है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) के अनुसार, मौजूदा कार स्टॉक सितंबर, 2019 के स्तर से करीब 8 प्रतिशत अधिक है।
बयान
एंट्री-लेवल कारों की घटती मांग पर मारुति सुजुकी ने ये कहा
FADA के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने ऑटोकार प्रोफेशनल को बताया कि उन्हें छोटी कारों के साथ डीलरशिप को भरने से आपत्ति है।
मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि छोटी कारों का स्टॉक निश्चित रूप से उच्च स्तर पर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे कम बिक रही हैं।
बता दें, छोटी कारों की मांग कम रहने के कारण इन पर छूट भी बढ़ रही है।